नई दिल्ली. कैंसर के खिलाफ नेटवर्क-18, फेडरल बैंक और टाटा ट्रस्ट की साझा पहल ‘संजीवनी: यूनाइटेड अगेंस्ट कैंसर’ समारोह में आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए हेल्थ सेक्टर कॉमर्स (व्यवसाय) हो सकता है लेकिन भारत के लिए यह सेवा है. भारत में कोविड जैसी महामारी के वक्त डॉक्टरों व अन्य पैरा-मैडिकल स्टाफ ने सेवा भाव से लोगों की मदद की.
उन्होंने कहा कि हेल्थ एक ऐसा विषय है, जिस पर डिस्कशन और डेलिबरेशन हमेशा चलता रहता है. समय के साथ बीमारी का पैटर्न बदलता रहता है. लोगों का लाइफ स्टाइल भी बदलता रहता है. हर सेक्टर में जो स्थिति आज है, वो कल नही भी हो सकती है. कल जो स्थिति है वो परसों नहीं भी हो सकती. ऐसी स्थिति में देश में हेल्थ सेक्टर में होलिस्टिक अप्रोच की आवश्यकता होती है. हेल्थ पॉलिटिकल सब्जेक्ट नहीं होना चाहिए.
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, ‘हमने हेल्थ को डेवलपमेंट के साथ रखा है. 2014 से इसकी शुरुआत हुई. टोकन में नहीं टोटल अप्रोच के साथ हेल्थ को देखा गया. ना ही केवल डिस्पेंसरी खोलना बल्कि देश में हेल्थ सबकी पहुंच में कैसे हो, अफोर्डेबल कैसे हो. इसपर काम किया गया. हर देश का हेल्थ का अपना मॉडल हो सकता है. हमारे देश के अनुसार हमारा अपना हेल्थ का मॉडल होना चाहिए. हमारा हेल्थ मॉडल कैसा होना चाहिए. दोस्तों, मैं मानता हूं कि मोदी जी ने 15 अगस्त 2022 में लाल किले से देश के सामने विचार रखा कि देश जब आजादी का शताब्द वर्ष मना रहा हो, उस वक्त देश डेवलप कंट्री होना चाहिए. 25 साल का यह समय हमारा अमृत काल है. इस अमृत काल में हमें रास्ता तैयार करना है. यह रास्ता कैसा होना चाहिए. मोदी जी ने पांच प्रण में इसपर बात की है.
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हमारे लिए हेल्थ एक सेवा
संजीवनी कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, ‘दुनिया के लिए हेल्थ एक कॉमर्स हो सकता है लेकिन भारत के लिए हेल्थ एक सेवा है. जब देश के नागरिकों को सेवा के लिए हेल्थ प्रेरित करेगा तो देश के नागरिक इसमें बढ़ चढ़ का रुचि लेंगे. हमने कोविड के दौरान यह देखा. जब दुनिया में लॉकडाउन चल रहा था, तब बहुत से देश के हेल्थ मिनिस्टर हमें कहते थे कि हमारे अस्पताल में डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं. आपके यहां कैसा है. तब मैं उन्हें कहता था हमारे यहां डॉक्टर भी ड्यूटी पर आते हैं, नर्स भी आती हैं.
डॉक्टर नर्सों ने अपनी जान पर खेलकर लोगों की मदद की
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आगे कहा, ‘कोविड-19 के दौरान कई डॉक्टरों नर्सों ने अपनी जान भी इस दौरान गंवा दी थी. उस वक्त एक वीडियो भी वायरल हुआ था. एक मां नर्स थी. कोविड वार्ड में ड्यूटी दे रही थी. तीन महीने की उसकी बच्ची घर पर थी. पिता जी उसकी संभाल कर रहे थे. मां को डर लग रहा था कि मैं जाऊंगी तो शायद मेरी बच्ची को वायरस लग जाए. इस मां ने अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ी. क्योंकि यह इंडिया का मॉडल है, सेवा ही हमारा धर्म है. सेवा ही हमारा व्यवहार है.’
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2023, 20:36 IST