हाइलाइट्स
घर के मुख्य द्वार पर 2 तरह के तोरण बांधे जाते हैं.
एक तोरण शुभ कार्य में भगवान गणेश और स्वास्तिक का बांधा जाता है.
दूसरा तोरण विवाह के समय तोते के चित्र वाला बांधने की परंपरा है.
Hindu Wedding Rituals: विवाह एक ऐसा संस्कार है, जो हर धर्म में अलग-अलग तरह से निभाया जाता है. हल्दी-मेहंदी लगने से फेरे होने तक कई ऐसी रस्में होती हैं, जिन्हें निभाना जरूरी और बहुत आनंददायक होता है. इन रस्मों के पीछे कई प्रचलित और वैज्ञानिक धारणाएं जुड़ी होती हैं. इन्हीं में से एक है दूल्हा जब दुल्हन के घर बारात लेकर जाता है तो तोरण मारता है. आखिर क्यों निभाई जाती है यह रस्म और क्या है इसके पीछे की प्रचलित मान्यता? जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
क्या है तोरण?
तोरण दो प्रकार के होते हैं, एक जिसमें भगवान गणेश और स्वास्तिक का चित्र बना होता है और दूसरा जिसमें तोते का चित्र अंकित होता है. दूल्हा जो तोरण मारता है वह तोते वाला तोरण होता है. यह तोरण दुल्हन के घर के बाहर लगाया जाता है.
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क्या है प्रचलित कहानी
प्रचलित कहानी के अनुसार एक बार की बात है, एक बार विवाह के लिए जब दूल्हा दुल्हन के घर पहुंचा, तो वहां द्वार पर एक तोता बैठा था, जिसके अंदर राक्षस था. जैसे ही दूल्हा विवाह के लिए जाता है, वह तोता रूपी राक्षस दूल्हे के अंदर प्रवेश कर जाता है और दुल्हन से शादी करके उसे बहुत परेशान करता है.
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आगे इस कहानी में बताया गया है कि एक राजकुमार जब विवाह के लिए दुल्हन के घर पहुंचा तो उसे उस तोते में राक्षस नजर आया. उस राजकुमार ने तुरंत अपनी तलवार निकाली और तोता रूपी उस राक्षस को मार गिराया. इसके बाद दोनों का विवाह शांतिपूर्वक संपन्न हुआ और दोनों अपने वैवाहिक जीवन में बड़े ही शांतिपूर्ण तरीके से रहने लगे.
इस घटना के बाद से ही दरवाजे पर तोते वाला तोरण बांधा जाता है और बारात लेकर आया दूल्हा अपनी तलवार से उस तोरण को मारने की रस्म अब तक निभाता आ रहा है.
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Tags: Dharma Aastha, Marriage anniversary, Religion
FIRST PUBLISHED : February 17, 2024, 15:31 IST