Home National देवघर शिव बारात मामले में सांसद निशिकांत दुबे को झारखंड HC से झटका, देवघर प्रशासन का आदेश सही

देवघर शिव बारात मामले में सांसद निशिकांत दुबे को झारखंड HC से झटका, देवघर प्रशासन का आदेश सही

0
देवघर शिव बारात मामले में सांसद निशिकांत दुबे को झारखंड HC से झटका, देवघर प्रशासन का आदेश सही

[ad_1]

हाइलाइट्स

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में हुई सुनवाई.
देवघर डीसी का आदेश रहेगा बरकरार, शिव बारात तय रूट से, धारा 144 भी.

रांची. देवघर शिव बारात मामले में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे को झारखंड हाईकोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने शिव बारात और झांकी निकालने के मामले में देवघर डीसी के आदेश को सही माना है. कोर्ट ने माना है कि देवघर डीसी की ओर से जो सालों से चला आ रहा परंपरागत रूट के आदेश को जारी किया गया है, वह बिलकुल सही है. दरअसल, शिव बारात को लेकर परंपरागत रूट का पालन 1993-94 से ही होता आ रहा है.

झारखंड हाईकोर्ट के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि कोर्ट ने सांसद निशिकांत दुबे की जनहित याचिका को निष्पदित कर दिया है यानी उनकी याचिका पर कोर्ट ने किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. महाधिवक्ता ने बताया कि डीसी के आदेश में कोई भी पाबंदी परंपरागत रूट पर लागू नहीं थी, बल्कि प्रशासन के आदेश के खिलाफ अन्यंत्र किसी दूसरे रूट से शिव बारात निकालने पर था.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने बताया कि देवघर शहर में श्रद्धालु कहीं भी जमा होकर प्रशासन द्वारा तय किय गये रूट में शिव बारात में शामिल हो सकते हैं. लेकिन अगर तय रूट से कोई श्रद्धालु हटकर किसी अन्यंत्र दूसरे रूट का चयन करते हैं तो वहां धारा 144 लागू होगी.

आपके शहर से (रांची)

राज्य सरकार की ओर से यह बताया गया कि जिला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा और लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए परंपरागत रूट का निर्धारण किया गया है. कोर्ट ने यह माना कि याचिकाकर्ता को रूट निर्धारण करने का कोई अधिकार नहीं है. यह जिला प्रशासन का अधिकार है. कोर्ट ने रिट याचिका पर किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

आपको बता दें कि गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से शिव बारात और झांकी निकालने को लेकर परंपरागत रूट से हटकर 7 किलोमीटर के दूसरे रूट का प्रस्ताव दिया गया था. जिसे देवघर प्रशासन ने नहीं माना…और इसी को ध्यान में रखकर परंपरागत रूट को लेकर प्रशासन ने आदेश जारी किया था. जिसे सांसद की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी.

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान देवघर डीसी से भी यह जानना चाहा कि क्या रूट पर पांच या दस व्यक्ति के एक साथ जमा होने पर कोई प्रतिबंध है. इस पर डीसी ने ऐसे किसी आदेश से इनकार किया. शिव बारात और झांकी को लेकर श्रद्धालुओं के बीच कोई भ्रामक जानकारी नहीं फैले. इसको लेकर मीडिया के द्वारा सही तरीके से जानकारी सुनिश्चित करायी जाए. इस पूरे मामले में कोर्ट ने रिट याचिका पर किसी तरह से हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

Tags: Mahashivratri

[ad_2]

Source link