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देवी लक्ष्मी पर बयान देकर विरोधियों के निशाने पर आए समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब सफाई दी है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जो लोग भी मेरे बयान की निंदा कर रहे हैं वह मेरा नहीं महिलाओं के सम्मान का विरोध कर रहे हैं। स्वामी प्रसाद ने भाजपा को भी निशाने पर लिया। कहा कि महिलाओं को सम्मान दिलाने की मेरी अपील पर जिस तरीके से भाजपा विरोध कर रही है, उससे प्रतीत होता है कि भाजपा देश के महिलाओ के सम्मान की घोर विरोधी हैं। भाजपा सरकार द्वारा संचालित महिला सशक्तिकरण व नारी वंदन योजना दिखावा व छलावा है। यदि महिलाओं के सम्मान के प्रति भाजपा गंभीर होती तो महिलाओ के सम्मान में दिये गये बयान का विरोध नहीं करती।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैंने मुख्य रूप से 2 चीजों के बारे में बात की, एक वैज्ञानिक सोच विकसित करने के बारे में और दूसरा महिलाओं को सम्मान देने के बारे में। और जो लोग इसकी निंदा कर रहे हैं वो स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि वो महिलाओं के सम्मान का विरोध कर रहे हैं। भाजपा के लोग सबको दिखाने के लिए नारी सशक्तिकरण योजना ‘नारी वंदन योजना’ चला रहे हैं और फिर मेरे बयान को विवादास्पद बताकर उसकी निंदा कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि उनकी महिला सशक्तिकरण योजना महज दिखावा है।
स्वामी प्रसाद ने कहा कि जो भी मैंने लिखा है वह सब व्यवहारिक, वैज्ञानिक और सनातन पर आधारित है। सही मायने में घर की लक्ष्मी को घर वाली ही होती है। जितने बेहतर तरीके से घर की रखवाली, घर का रखरखाव, सुख संमृद्धि और परिवार को आगे बढ़ाने की चिंता घर वाली करती है कोई नहीं कर सकता है। घर वाली को इसलिए ही गृहणी कहा जाता है। गृहणी नहीं है तो घर भी नहीं है। इसलिए जब घर की लक्ष्मी घर वाली है तो उसकी पूजा करने में एतराज क्यों।
स्वामी प्रसाद ने कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। अर्थात जहां स्त्रियों का सम्मान होता है, वहीं पर सुख समृद्धि होती है। वहीं पर बेहतरी और तरक्की के रास्ते खुलते हैं। इसलिए हमें अपनी घरवाली का सम्मान करना चाहिए, पूजा भी करना चाहिए। उनकी आरती करनी चाहिए औऱ फूल माला भी पहनाना चाहिए। इसकी सही हकदार वही हैं।
किस बयान पर हुआ है विवाद
स्वामी प्रसाद ने दीपावली के दिन अपनी पत्नी की पूजा करते हुए तस्वीर एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट व पीठ ही होती है। चार हाथ, आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है? यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपने घरवाली की पूजा व सम्मान करें जो सही मायने में देवी हैं। क्योंकि आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान व देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है।