Friday, November 8, 2024
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देशभर में 250 से अधिक रोपवे में सबसे पहले बनेगा इस शहर में रोपवे, जानें कब होगा चालू?


हाइलाइट्स

पहली बार अरबन रोपवे का भी निर्माण किया जा रहा है
वाराणसी में जमीनी स्‍तर पर काम भी शुरू

नई दिल्‍ली. लोगों के आवागमन को सहज बनाने के लिए केन्‍द्र सरकार ने देशभर में 250 से अधिक रोपवे चलाने की तैयारी है. इनमें तमाम पहाड़ी इलाकों और तीर्थ स्‍थानों को शामिल किया गया है. इन सभी रोपवे में सबसे पहले बनने वाला रोपवे वाराणसी का होगा. क्‍योंकि इसका जमीनी स्‍तर पर काम भी शुरू हो चुका है.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश में बिछते सड़कों के जाल के साथ भारतमाला, सागरमाला के अलावा पर्वतमाला परियोयजनाओं को भी तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. केंद्र सरकार ने अगले पांच साल में देश में 1200 किमी. से अधिक लंबाई तक के 250 से अधिक रोपवे बनाने का लक्ष्य तय किया है. खास बात यह है कि इस बार अरबन रोपवे का भी निर्माण किया जा रहा है. यानी ऐसे समतल शहरों में रोपवे चलाने की योजना है, जहां जाम अधिक लगता है और ट्रांसपोर्ट के अन्‍य साधनों का निर्माण तकनीकी कारणों से संभव न हो रहा हो. पूर्व में रोपवे पहाड़ी इलाकों में चलते थे.

इन सबसे में वाराणसी में बनने वाले रोपवे का काम जमीनी स्‍तर पर शुरू हो गया है. यह रोपवे 2025 तक संचालन में आ जाएगा. इससे रेलवे स्‍टेशन से विश्‍वनाथ मंदिर के करीब तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा. वाराणसी रोपवे रोपवे की कुल लंबाई 3.75 किमी है. इसमें पांच स्‍टेशन बनाए जाएंगे. हालांकि चढ़ने-उतरने के लिए चार स्‍टेशन ही होंगे, पांचवां स्‍टेशन तकनीकी कारणों से बनाया जाएगा. इन चार स्‍टेशनों में कैंट रेलवे स्‍टेशन, विद्यापीठ, रथयात्रा और गोदौलिया शामिल है.

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केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में भी शुरू हुआ रोपवे पर काम

केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे निर्माण का काम शुरू हो चुका है. इससे धार्मिक स्‍थलों पर जाने वाले श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी. 2026 तक केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे का संचालन शुरू हो जाएगा. केदारनाथ रोपवे में देश में पहली बार विश्‍व की सबसे सुरक्षित तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाएगा. थ्री एस ट्राइ केबल तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाएगा. इसमें केबल कार तीन तारों पर चलेगी. यह तकनीक विश्‍व में कुछ चुनिंदा जगह इस्‍तेमाल की गयी है.

Tags: Road and Transport Ministry, Rope Way, Varanasi news



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