नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के 3 राज्यों को बड़ा तोहफा देने जा रहे हैं. केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार को घोषणा करते हुए बताया कि वैश्विक रूप से आयुष चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के साथ ही देश के लोगों को भी इस क्षेत्र में 3 बड़े चिकित्सा संस्थान मिलने जा रहे हैं. 11 दिसंबर के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को ये संस्थान समर्पित करने जा रहे हैं. जिनमें अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), गोवा, राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम), गाजियाबाद और राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (एनआईएच), दिल्ली शामिल हैं.
आयुष मंत्रालय के मुताबिक ये सैटेलाइट संस्थान अनुसंधान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को और मजबूत करेंगे और बड़ी आबादी के लिए किफायती आयुष सेवाओं की सुविधा प्रदान करेंगे. केंद्रीय आयुष मंत्री ने बताया कि 8 से 11 दिसंबर के बीच में 9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) का आयोजन गोवा के पंजिम में होने जा रहा है. इसमें आयुष प्रणाली में निहित वैज्ञानिकता, प्रभावकारिता और क्षमता को सामने रखा जाएगा.
सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘इन संस्थानों की स्थापना प्रधानमंत्री के पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन के विस्तार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के अनुरूप है. इन संस्थानों के माध्यम से भारत सरकार देश के प्रत्येक नागरिक और क्षेत्र तक किफायती व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की अपनी क्षमताओं को और मजबूत करेगी. इन तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थानों की स्थापना से आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी में यूजी-पीजी और डॉक्टरेट करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए 400 अतिरिक्त सीटें जुड़ेंगी.’
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पढ़ाई का बेहतर विकल्प होगा एआईआईए गोवा
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), गोवा आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली के माध्यम से शिक्षा, अनुसंधान और रोगी देखभाल सेवाओं के पहलुओं में यूजी-पीजी और पोस्ट डॉक्टरल स्ट्रीम्स के लिए उच्चतम गुणवत्ता वाली सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम करेगा. इसे मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) को बढ़ावा देने वाले आयुर्वेद के एक वेलनेस हब के रूप में विकसित किया जाएगा. साथ ही यह संस्थान शैक्षणिक व अनुसंधान से संबंधित उद्देश्यों को पूरा करने और अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक मॉडल केंद्र के रूप में कार्य करेगा.
ऐसा होगा राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान
राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (एनआईएच), दिल्ली उत्तर भारत में होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली विकसित करने और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए अपनी तरह का पहला संस्थान है. यह आधुनिक दवाओं के साथ आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को मुख्यधारा में लाने और एकीकृत करने के लिए काम करेगा. इसके साथ ही यह संस्थान अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) व नवाचार को प्रोत्साहित करेगा और राष्ट्रीय प्रतिष्ठित संस्थानों को विकसित करेगा.
यूनानी चिकित्सा संस्थान होगा पहला संस्थान
राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम), गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, मौजूदा राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान, बैंगलोर का एक सैटेलाइट केंद्र होगा. यह उत्तरी भारत में इस तरह का पहला संस्थान होगा और एमवीटी के तहत दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य राज्यों के रोगियों के साथ-साथ विदेशी नागरिकों को भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा.
प्रधानमंत्री दिसंबर 2022 को 9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) के समारोह में शिरकत करेंगे. आयुष मंत्रालय पंजिम, गोवा में डब्ल्यूएसी आयोजित करने के लिए सहयोग कर रहा है और वैश्विक स्तर पर आयुष प्रणाली और दवाओं की वैज्ञानिकता, प्रभावकारिता, क्षमता का प्रदर्शन करेगा. इसी कड़ी में विभिन्न गतिविधियों की योजनाएं बनाई जा रही हैं और बड़े स्तर पर आयुष जगत से जुड़ीं हस्तियां भी विभिन्न चर्चाओं, प्रस्तुतियों आदि में भाग ले रहीं हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 07, 2022, 15:57 IST