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चेन्नई. भारत के पहले गर्वनर जनरल सी राजगोपालचारी के प्रपौत्र सीआर केसवन ने नए संसद भवन में ऐतिहासिक सेंगोल स्थापित करने के फैसले पर पीएम मोदी की सराहना की. उन्होंने कहा कि केवल भारत की सभ्यतागत विरासत की गहरी समझ रखने वाले व्यक्ति और परंपराएं यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि इस तरह की महत्वपूर्ण घटना को इतिहास में उचित स्थान दिया जाए.
केसवन ने कहा, ‘मैं पीएम मोदी का धन्यवाद करता हूं कि वे इस पवित्र राजदंड सेंगोल को फिर से जीवंत किया. 1947 में जब आजादी नजदीक थी तब राजगोपालाचारी ने नेहरू जी को बताया कि यह प्राचीन भारतीय सभ्यता परंपरा है कि जब सत्ता का हस्तांतरण होता है तब पवित्र राजदंड सेंगोल को मुख्य पुजारी द्वारा नए राजा को दिया जाता है और यही होना चाहिए.’
इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘यह राजदंड पहले माउंटबेटन को दिया गया जिसे बाद में पुजारी को दी गई जिसे गंगाजल से पवित्र किया गया और बाद में नेहरू जी को दी गई. यह एक ऐतिहासिक घटना थी. इसके बार में किसी को नहीं पता था. इस राजदंड को इलाहाबाद संग्रहालय में यह कहकर रखा गया कि यह एक गोल्डन वॉकिंग स्टिक है जो पंजित नेहरू को दी गई थी.’
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बता दें कि सेंगोल शब्द संस्कृत के संकु से लिया गया. इस सेंगोल को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 की रात अपने आवास पर कई नेताओं की उपस्थिति में स्वीकार किया था. सेंगोल को अंग्रेजों से भारत में सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में सौंप दिया गया था.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सी राजगोपालचारी की सलाह पर ही सेंगोल को अंग्रेजों से सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में दिया गया था. उन्होंने कहा कि जब भी हम सत्ता के हस्तांतरण के बारे में सोचते हैं तो अधिकांश भारतीय ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी स्पीच’ और ‘आधी रात के स्ट्रोक’ को ही याद करते हैं.
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Tags: PM Modi
FIRST PUBLISHED : May 25, 2023, 14:49 IST
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