Friday, November 8, 2024
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दो बार UPSC प्रीलिम्स में हुईं फेल, तीसरी बार में बनीं IAS अधिकारी, जानें- डॉ अंशु प्रिया की कहानी


UPSC Success Story: यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए न जाने कितने ही उम्मीदवारों को दिन रात एक करने पड़ते हैं। हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं। कुछ इस परीक्षा को पास कर लेते और कुछ के सपने टूट जाते हैं। हालांकि इस परीक्षा को क्लियर करने के लिए जितनी जरूरी पढ़ाई है, उतना ही जरूरी खुद पर भरोसा होना भी है। आज आपको ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने तीसरे प्रयास में इस परीक्षा को क्लियर किया और IAS बनने का सपना पूरा किया है।

हम बात कर रहे हैं,  डॉ अंशु प्रिया की, जिन्होंने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 16वीं रैंक हासिल की है। वह एक एमबीबीएस ग्रेजुएट हैं। आइए जानते हैं, उन्होंने आईएएस परीक्षा की तैयारी कैसे की।

परिवार के बारे में

यूपीएससी टॉपर अंशु प्रिया बिहार के मुंगेर जिले की रहने वाली हैं और उनके पिता एक शिक्षक हैं। वह शिक्षकों के परिवार से ताल्लुक रखती हैं, उनके दोनों दादा-दादी भी शिक्षण क्षेत्र में थे।

अंशु प्रिया ने अपनी स्कूली शिक्षा नॉट्रे डेम अकादमी (Notre Dame Academy) मुंगेर में की और फिर एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) करने के लिए एम्स पटना चली गईं। उसके बाद उन्होंने एम्स पटना में एक रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में काम किया और डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने कुछ अस्पतालों और हेल्थ केयर सेंटर में भी प्रैक्टिस की थी।

क्यों चुना UPSC का रास्ता?

अंशु ने बताया, “एमबीबीएस के दौरान, हमारे पास कुछ ग्रामीण पोस्टिंग होती हैं जिसमें हमें जमीनी स्तर पर जाना होता है और लोगों की समस्याओं का समाधान करना होता है। मुझे याद है कि स्तन कैंसर का एक मामला था जहां एक मरीज जो अंतिम चरण में था। उसे कैंसर के बारे में पता भी नहीं था। हमने उसे अस्पताल भेजा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जिसके बाद मैंने मैंने सोचा जमीनी स्तर पर बहुत कुछ किया जा सकता है, लेकिन केवल एक डॉक्टर होने से यह संभव नहीं होगा।  इसके बाद ही मैंने यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया”

बता दें, जनवरी 2019 में ग्रेजुएट होने के बाद, जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में काम करने वाली अंशु पहली बार जून 2019 में यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुईं और प्रीलिम्स क्लियर करने में असफल रहीं। वहीं दूसरे प्रयास में भी वह प्रीलिम्स की परीक्षा क्लियर नहीं पाई थी। इसके बाद तीसरे प्रयास में उन्होंने 16वीं रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास कर IAS बनने का सपना पूरा किया।

ऐसे की थी यूपीएससी की तैयारी

पहले प्रयास में असफल होने के बाद, पारिस्थितिकी तंत्र कैसे काम करता है, इसका अंदाजा लगाने के लिए वह दिल्ली चली गई। चूंकि उनकी पटना में नौकरी थी, वह फिर से पटना वापस चली गई, वहां एक साल तक रही। इसके बाद वह साल 2020 में वापस दिल्ली आ गईं।

उन्होंने बताया, “कभी-कभी मैं टेलीमेडिकल कंसल्टेंट  के रूप में काम करता थी और नौकरी के साथ 2020 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन  परीक्षा में फेल हो गई। अब अपने तीसरे प्रयास के दौरान नौकरी छोड़ दी और पूरा ध्यान यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में दिया।

हालांकि अंशु साल 2020 की प्रीलिम्स परीक्षा को पास नहीं कर पाई, इसलिए उन्होंने 2021 की परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत समय मिला। इस दौरान, उन्होंने परीक्षा के लिए कड़ी प्रैक्टिस की और विभिन्न टेस्ट सीरीज की भी प्रैक्टिस की । उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट मेडिकल साइंस था।

इंटरव्यू राउंड में मिले इतने मार्क्स

अंशु ने बताया, “मेरा ऑप्शनल सब्जेक्ट उतना स्कोरिंग नहीं था, इसलिए मैं इंटरव्यू राउंड में बेस्ट देना चाहती थी। मैंने मुख्य परीक्षा के ठीक बाद से इंटरव्यू राउंड की तैयारी शुरू कर दी और अगले दो महीनों तक इसकी तैयारी की”

बता दें, डॉ अंशु प्रिया ने कुल 2025 अंकों में से 1022 मार्क्स प्राप्त किए हैं, जिसमें सिविल सेवा (मुख्य) लिखित परीक्षा में 818 मार्क्स और पर्सनालिटी टेस्ट यानी इंटरव्यू में 204 मार्क्स है।

 

 

 

 



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