Home Life Style धनतेरस के दिन करें राशि के अनुसार खरीदारी, हमेशा बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

धनतेरस के दिन करें राशि के अनुसार खरीदारी, हमेशा बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

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धनतेरस के दिन करें राशि के अनुसार खरीदारी, हमेशा बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

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सच्चिदानंद, पटना. धनतेरस को लेकर बाजार सज चुका है. इस दिन खरीदारी का अद्भुत संयोग भी है और घर में लक्ष्मी लाने की मान्यता भी. इस दिन आभूषणों, रत्नों, वाहनों, भूमि समेत कई चीजों की खरीदारी होती है. ऐसे में कई लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि आखिर धनतेरस के दिन किस चीज की खरीदारी करें. ऐसे लोग अपनी राशि के हिसाब से भी चीजों की खरीदारी कर सकते हैं. पटना के मशहूर ज्योतिषविद् डॉ. श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार अपनी राशियों के अनुसार खरीदारी करना बेहद शुभ होता है. इसका प्रभाव पूरे साल बना रहता है. ग्रह गोचर की दिशा पर भी इसका प्रभाव पड़ता है. इस दिन अगर आप अपनी राशि के अनुसार खरीदारी करते हैं, तो वो अत्यंत फलदायक होगा.

कौन सी राशि वाले क्या खरीदें

मेष और वृश्चिक राशि : दोनों के स्वामी मंगल ही हैं. मेष राशि के जातक प्लॉट या घर खरीद सकते हैं. देवी और देवता रत्नों और आभूषणों में भी वास करते हैं, तो दोनों राशियों के जातक मूंगा और पुखराज रत्न ले सकते हैं. मोती खरीद सकते हैं.

वृषभ और तुला राशि : दोनों के स्वामी शुक्र हैं और धनतेरस भी शुक्रवार के दिन है. इस दिन कोई सुख-सुविधा वाला चीज ले सकते हैं. हीरा खरीद सकते हैं. लग्जरी फील देने वाली कोई भी चीज खरीद सकते हैं.

मिथुन और कन्या राशि : दोनों के मालिक बुध हैं. इस दिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से कोई काम कर सकते हैं. लंबित काम को पूरा करने के लिए शुभ दिन है. हीरा, पन्ना और नीलम रत्न आपके लिए शुभ रहेगा.

कर्क और सिंह राशि : स्वामी चंद्रमा हैं. चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक की शोभा बढ़ाता है. शिव जी की पूजा करें. मेडिसिन और डेयरी के बड़े प्रोजेक्ट की शुरूआत करना शुभ रहेगा. मूंगा और मोती भी पहन सकते हैं.

धनु और मीन राशि : मालिक देवगुरु बृहस्पति हैं. रत्न में पुखराज, मूंगा, मोती खरीद सकते हैं.

मकर और कुंभ राशि : दोनों के स्वामी शनि हैं. हीरा, मोती, नीलम, पन्ना की खरीदारी कर सकते हैं. कपड़ों के कारोबार की शुरूआत कर सकते हैं. कोई ऐसा काम शुरू करें जो लम्बा चले और एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को फायदा पहुंचे.

Tags: Astrology, Bihar News, Dhanteras, Dharma Aastha, Religion 18

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