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बिहार के 27 हजार स्कूलों के बच्चे नई शिक्षा नीति की कसौटी पर परखे जाएंगे। इन स्कूलों में बच्चों की दक्षता का मूल्यांकन होगा। ये स्कूल परख योजना के तहत सूबे के सभी 537 प्रखंडों से चुने गए हैं। एनसीईआरटी और शिक्षा मंत्रालय की यह संयुक्त पहल के माध्यम से कक्षा 3, 6 और 9वीं के बच्चों में बदलाव का आकलन किया जाएगा। एससीआरटी (राज्य शिक्षा शोध प्रशिक्षण परिषद) निदेशक ने मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों में इसके लिए 2-2 एसोसिएट को-ऑर्डिनेटर के चयन का निर्देश दिया है। पांच जिलों को छोड़कर बाकी सब में डीईओ, डायट प्राचार्य को इसके लिए डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर बनाया गया है। एसोसिएट को-ऑर्डिनेटर के चयन का निर्देश डीईओ को दिया गया है। निदेशक सज्जन आर ने जिन पांच जिलों में डायट क्रियाशील नहीं है, वहां सीटीई प्रचार्य के चयन का निर्देश दिया है। इसके साथ प्रखंड स्तरीय को-ऑर्डिनेटर भी चुने जाएंगे।
इन प्रखंडों में इतने स्कूलों का किया गया है चयन
जारी सूची के अनुसार जिले में औराई में 42, बंदरा में 41, बोचहां में 53, गायघाट में 41, कांटी में 57, कटरा में 60, कुढ़नी में 62, मड़वन में 51, मीनापुर में 48, मुरौल में 35, मोतीपुर में 50, मुशहरी में 86, पारू में 52, साहेबगंज में 51, सकरा में 52, सरैया में 51 स्कूल का चयन किया गया है।
हर स्तर से ली गई एक-एक कक्षा
परख को लेकर प्राथमिक, मिडिल और हाईस्कूल से एक-एक कक्षा को लिया गया है। इसमें प्राथमिक में कक्षा 3, मिडिल में 6 और हाईस्कूल में कक्षा 9वीं के बच्चे होंगे।
एनसीईआरटी ने बनाया है असेसमेंट टूल
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा में पाठ्यक्रम से लेकर पढ़ाने के तरीके में कई बदलाव किए गए हैं। इसे लेकर शिक्षकों को पिछले दो साल में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग दी गई है। नए पाठ्यक्रम के तहत बदले हुए तरीके से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है या नहीं और इसका क्या असर बच्चों पर पड़ा है, इसे लेकर परख का आयोजन किया जा रहा है। एनसीईआरटी की परख की हेड डॉ. इंद्राणी ने इसे लेकर राज्यों को गाइडलाइन दिया है। एनसीईआरटी की ओर से इसके लिए एसेसमेंट टूल भी बनाया गया है। बिहार समेत अन्य राज्यों के लिए 20 अलग-अलग भाषाओं में एसेसमेंट टूल तैयार किए गए हैं।