दिल्ली के इंद्रलोक में सड़क पर नमाज पढ़ रहे कुछ लोगों को एक पुलिसकर्मी द्वारा लात मारने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब एआईएमआईएएम नेता असदुद्दीन ओवैसी की भी एंट्री हो गई है। इंद्रलोक इलाके के एक वायरल वीडियो में एक पुलिस अफसर को कथित तौर पर सड़क पर नमाज पढ़ रहे कुछ लोगों को लात मारते देखा गया था।
ओवैसी ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि कहा, दिल्ली के इंद्रलोक में कल हुई नमाज की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। यह बताता है कि देश में मुसलमानों में कितना आदर और सम्मान है। दिल्ली में कानून-व्यवस्था का जिम्मा केंद्र सरकार के पास है। इसलिए मैं प्रधानमंत्री और भाजपा के लोगों से पूछना चाहता हूं – जिस व्यक्ति का अपमान किया गया, वह किस परिवार से है। उसका ताल्लुक किस खानदान से है? आखिर भारत के 17 करोड़ मुसलमानों की इतनी बड़ी बेइज्जती क्यों की जा रही है, जो इस देश की आबादी का 14 फीसद से ज्यादा हिस्सा हैं। ये तमाम फिरकापरस्ती और नफरत के मजाहिरे देखकर मुझे तकलीफ होती है। मगर मुझे यकीन है कि अल्लाह इस नफरत का जरूर खात्मा होगा।”
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ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर कहा, ”जो पुलिस वाला नमाजियों को लात मार रहा था, उसे तो सस्पेंड कर दिया गया। लेकिन हम सब जानते हैं उसमें इतनी हिम्मत इसीलिए आई क्योंकि समाज के एक बड़े हिस्से में अब मुसलमानों के साथ ऐसा सुलूक करना गर्व की बात हो चुकी है। पुलिस वाले की गुलपोशी होगी, और शायद उसे भाजपा वाले अपना कैंडिडेट भी बना दें। जो लोग “सड़क अधिकार रक्षक” बन रहे हैं, वो ये बताएं कि गुड़गांव में तो मुसलमान पुलिस परमिशन से एक खाली प्लॉट में नमाज पढ़ते थे, संघियों को वो भी नहीं पचा। कई मजहबी और गैर-मजहबी लोग सड़कों का सांस्कृतिक काम के लिए इस्तेमाल करते हैं, लेकिन नमाज से चिढ़ इसीलिए है क्योंकि इस्लाम के खिलाफ नफरत अब आम हो गई है।”
इंद्रलोक की घटना से देश की छवि खराब होगी, महमूद मदनी ने अमित शाह से कहा
न्यूज भाषा के अनुसार, दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में नमाज पढ़ रहे लोगों को दिल्ली पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर द्वारा लात मारने को जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एमएम समूह) ने ‘इस्लामोफोबिया’ (इस्लाम के प्रति पूर्वाग्रह) बताया है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को पत्र लिखकर आरोपी पुलिस अधिकारी को बर्खास्त करने की शुक्रवार को मांग की। संगठन ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब होगी।
संगठन के एक बयान के मुताबिक, जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने पत्र लिखकर गृह मंत्री से कहा कि ऐसी घटनाएं प्रभावित समुदाय पर दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव डालती हैं, क्योंकि इनमें कानून का पालन कराने वाले लोग ‘अपराधी’ की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ‘मुल्क के दुश्मनों’ को वैश्विक स्तर पर देश की छवि को धूमिल करने का अवसर मिलता है।
मदनी ने इंद्रलोक में हुई घटना को ‘‘पुलिस अधिकारी की नफरत से भरी कार्रवाई’’ बताया और आरोप लगाया कि पुलिस के इस रवैये से पता चलता है कि ‘‘वह इस्लामोफोबिया की बीमारी से ग्रस्त है।’’
उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को वैचारिक सुधार के साथ अपने काम के प्रति जिम्मेदार होने का प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है। मौलाना मदनी ने गृह मंत्री से मांग की कि साम्प्रदायिक और ‘देश तोड़ने वाली ताकतों’ के हाथों की ‘कठपुतली’ बनने वाले पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस मामले में आपकी त्वरित और निर्णायक कार्रवाई से न्याय प्रणाली में विश्वास बहाल होगा।
आरोपी पुलिसवाले को किया सस्पेंड
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तरी दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में सड़क पर नमाज अदा कर रहे कुछ लोगों को कथित तौर पर लात मारने वाले सब-इंस्पेक्टर को शुक्रवार को सस्पेंड कर दिया गया।