Friday, November 15, 2024
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नवाज शरीफ ने चुनाव में की धांधली? कोर्ट तक पहुंचा मामला, चुनाव आयोग पर लगे आरोप


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पाकिस्तान में हो रहा आम चुनाव अब कोर्ट तक पहुंच गया है। PML-N के प्रमुख नवाज शरीफ और उनकी बेटी के नेशनल असेंबली इलेक्शन में जीत को लाहौर हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। इसमें आरोप लगाया गया कि निर्वाचन आयोग ने सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया। लाहौर की सीटों से हार का सामना करने वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) समर्थित उम्मीदवार डॉ. यास्मीन राशिद ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन आयोग ने फॉर्म 45 के बजाय फर्जी फॉर्म 47 के अनुसार उन्हें विजेता घोषित किया। फॉर्म 45 को आमतौर पर गणना का परिणाम फॉर्म कहा जाता है। यह पाकिस्तानी चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण रिकॉर्ड होता है, जिसका उद्देश्य किसी विशेष मतदान केंद्र पर मतदान प्रक्रिया के नतीजों की पारदर्शिता और जवाबदेही को बनाए रखना है।

ईसीपी ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई का चुनाव चिन्ह बल्ला रद्द कर दिया था, जिसके बाद बड़ी संख्या में पीटीआई के उम्मीदवारों ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था। शरीफ ने एनए-130 से पीटीआई की उम्मीदवार डॉ. यास्मीन राशिद के खिलाफ जीत हासिल की है। शरीफ को 1,72,000 से अधिक वोट मिले, जबकि राशिद को 113,000 से अधिक मत मिले। शरीफ की 50 वर्षीय बेटी मरियम नवाज ने एनए-119 सीट पर पीटीआई के फारूक शहजाद के खिलाफ 83,000 से अधिक वोट पाकर जीत हासिल की। शहजाद को 68,000 से अधिक वोट मिले।

‘फॉर्म-45 के अनुसार शरीफ नहीं, यास्मीन जीते’ 

लाहौर हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वालों में से एक यास्मीन ने कहा कि उन्होंने फॉर्म-45 के अनुसार शरीफ के खिलाफ जीत हासिल की थी। हालांकि, ईसीपी ने फॉर्म-47 जारी कर पीएमएल-एन प्रमुख को विजेता घोषित कर दिया। इसी तरह, शहजाद ने कहा कि मरियम मतदान केंद्र के नतीजों (फॉर्म-45) के अनुसार सीट हार गई थीं, लेकिन फर्जी फॉर्म-47 के जरिए उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया।

‘पाकिस्तान को स्वतंत्र चुनाव की जरूरत’

इस बीच, नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित पाकिस्तानी मलाला यूसुफजई ने कहा कि उनके देश को स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव की आवश्यकता है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘पाकिस्तान को स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव की जरूरत है, जिसमें मतगणना में पारदर्शिता और परिणामों का सम्मान शामिल है। मेरा आज भी विश्वास है, जैसा कि मेरा हमेशा से रहा है, कि हमें मतदाताओं के फैसले को शालीनता से स्वीकार करना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि हमारे निर्वाचित अधिकारी चाहे सरकार में हों या विपक्षी दलों में, पाकिस्तान के लोगों के लिए लोकतंत्र और समृद्धि को प्राथमिकता देंगे।’



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