Saturday, December 21, 2024
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नागालैंड में चुनाव से पहले ही जीत गया भाजपा उम्मीदवार, कांग्रेस को उसके ही प्रत्याशी ने दिया झटका


हाइलाइट्स

नगालैंड विधानसभा चुनाव से 17 दिन पहले ही राज्य को अपना पहला विधायक मिला.
कांग्रेस उम्मीदवार के मैदान छोड़ने के बाद BJP के काजेतो किमिनी की निर्विरोध जीत.
कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी ने शुक्रवार को चुनावी दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया.

गुवाहाटी. नगालैंड विधानसभा चुनाव (Nagaland Assembly elections) से 17 दिन पहले ही पूर्वोत्तर के इस राज्य को अपना पहला विधायक मिल गया है. कांग्रेस के उम्मीदवार के मैदान छोड़ने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के काजेतो किमिनी (Kazheto Kimini) ने निर्विरोध जीत हासिल की है. उनके खिलाफ एकमात्र उम्मीदवार कांग्रेस के 47 वर्षीय खेकाशे सुमी (Khekashe Sumi) थे. जिन्होंने शुक्रवार को चुनावी दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया, जो उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख भी थी. इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक कांग्रेस के सूत्रों ने ये कहकर अपनी साख बचाने की कोशिश की है कि सुमी पर्चा दाखिल करने के केवल कुछ समय पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे.

नागालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने कहा कि नागालैंड में 27 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के काजेतो किनिमी को 31 अकुलुतो विधानसभा सीट से निर्विरोध निर्वाचित किया गया. उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार खेकाशे सुमी ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली. नागालैंड में विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन था. अकुलुतो सीट से विधायक के रूप में किमिनी का यह दूसरा कार्यकाल होगा. उन्होंने 2018 के चुनावों में भी भाजपा के टिकट पर नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के खेकाहो असुमी को 735 मतों से हराया था. अपने पिछले कार्यकाल के दौरान किमिनी ने नागरिक प्रशासनिक कार्य विभाग और नागालैंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सलाहकार के रूप में काम किया था.

नगालैंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की 21 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट

नगालैंड के प्रभारी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सचिव रणजीत मुखर्जी ने कहा कि सुमी राजद के एक युवा नेता थे और चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए हमारे पास आए थे. वह दीमापुर से उम्मीदवार बनना चाहते थे. लेकिन वे एक बाहरी उम्मीदवार थे. वे सेमा जनजाति से थे, जिसकी अकुलुतो सीट पर पकड़ है. इसलिए उनको टिकट दिया गया. वैसे भी कांग्रेस उस सीट से किसी को मैदान में नहीं उतार रही थी, इसलिए उनको टिकट दिया गया. उनके हटने से हमें कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. वे कौन से बाहरी कारक हैं, जिन्होंने उनको अपना नामांकन वापस लेने के लिए बाध्य किया, इसके बारे में हम नहीं जानते.

Tags: Assembly polls, Nagaland, Nagaland Assembly Election



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