मो. महमूद आलम/नालंदा. आपने कई फेसम जगह की फेमस मिठाई खाई होंगी, लेकिन आज आपको ऐसे जगह के बारे में बता रहें हैं जिसकी पहचान वहां के खोवे से बने पेड़े से है. यह मिठाई अपनी शुद्धता के लिए फेमस है. भारत के साथ बांग्लादेश, अमेरिका और सऊदी अरब तक जाता यह पेड़ा जाता है. इसको बनाने का तरीका भी पारंपरिक है. यह पेड़ा छोटे से कसबे निश्चलगंज में बनता है.
यह जिला मुख्यालय बिहार शरीफ से 18 किमी दूर स्थित एकंगरसराय प्रखंड में पड़ता है. सिलाव का खाजा के बाद निश्चलगंज का पेड़ा काफी प्रसिद्ध है. मावा या खोया से बना ये पेड़ा बिहार में भी बहुत लोकप्रिय है. मावे से बनने वाली मिठाई में यह पहले नंबर पर है.
यदि आप नालंदा भ्रमण के लिए जाते हैं तो आपको बिहार शरीफ से एकंगरसराय स्टेट हाइवे पर यह छोटा सा कसबा मिलेगा. आप जहां पेड़ा खरीद सकते हैं. इस रूट पर यात्रा के दौरान निश्चलगंज के बड़े-बड़े पेड़े और निर्यात क्वालिटी के पेड़े आगंतुकों का ध्यान खूब आकर्षित करते हैं. ये बसों से लेकर छोटी कारों में खूब बेचे जाते हैं. यहां से गुजरने वाले लोग यहां का पेड़ा बतौर संदेश के तौर पर खरीदते हैं. यहां आज भी दर्जनों दुकानों में पेड़ा बनता है, जिससे कई दर्जन परिवार का जीविकोपार्जन चल रहा है. पेड़ा व्यवसाय दिनेश प्रसाद बताते हैं कि यहां के पेड़े गौ माता व भैंस के दूध से ही बनाए जाते हैं.
दूध को मिट्टी के चूल्हे पर पकाया जाता है. एक किलो दूध में दो से ढाई सौ ग्राम चीनी या भूरा मिलाया जाता है. इसे बनाने के लिए मावा व भूरे का उपयोग होता है. इस कारण दानेदार मावा का ही इस्तेमाल होता है, ताकि पेड़े का स्वाद बरकरार रहे. पेड़े बनाते समय मावा को अधिक से अधिक भूना जाता है. मावा को जितना अधिक भूनेंगे बने हुए पेड़े उतने ही फ्रेश रहेंगे. मावा भूनते समय बीच बीच में थोड़ा थोड़ा दूध या घी डालते रहना चाहिए, जिससे इसे अधिक भूनना सरल हो जाता है. भूनते समय मावा जलता नहीं व मावा का कलर हल्का ब्राउन हो जाता है. पेड़े का स्वाद आपको भुलाए नहीं भूलेगा.
अयोजन कोई भी हो पेड़ा तो निश्चलगंज का ही
अभी यहां ₹180 प्रति किलो से लेकर ₹360 किलो तक के पेड़े मिलते हैं. इसकी प्रसिद्धि सभी राजकीय मेले से लेकर राज्यस्तरीय कार्यक्रमों तक है. राजगीर महोत्सव हो या बौद्ध महोत्सव, पटना का सरस मेला हो, सूफी महोत्सव या फिर बराबर का महोत्सव. सभी में निश्चलगंज के पेड़े की धमक दिखाई देती है.
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FIRST PUBLISHED : May 30, 2023, 13:47 IST