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UP Nikay Chunav: यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर प्रदेश में सियासी रार छिड़ी हुई है। इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के वार पर चौरतफा पलटवार हुआ है। अखिलेश ने गुरुवार को राज्य सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण छीन कर उन्हें और पीछे करने की साजिश रच रही है। अखिलेश के बयान पर भाजपा, बसपा, कांग्रेस और सुभासपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने आज पिछड़ों का आरक्षण छीना है और कल दलितों की बारी है। सरकार यूपी विधानसभा का सत्र बुला कर आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा कराए। दिल्ली और यूपी की सरकार पिछड़ों के वोट से बनी है लेकिन सरकार में इनकी जगह नहीं है। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि दलितों और पिछड़ों को आरक्षण देने के मामले में भाजपा का रवैया भी कांग्रेस जैसा ही है। सपा सरकार ने भी खासकर अति पिछड़ों को पूरा हक नहीं दिया। एससी और एसटी का पदोन्नति में आरक्षण खत्म कर दिया। इससे संबंधित बिल को सपा ने संसद में फाड़ दिया और इसे पास भी नहीं होने दिया। इन सभी वर्गों के लोग सावधान रहें। निषाद पार्टी के अध्यक्ष प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद ने कहा है कि उनकी पार्टी ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी।
सपा की कथनी-करनी में भारी अंतर-भूपेंद्र
अखिलेश के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा है कि अति पिछड़ों व अति दलितों को आरक्षण का लाभ देने में अड़ंगा खड़ा करने वाली सपा के अध्यक्ष की कथनी और करनी में अंतर है। एक जाति व और धर्म विशेष की राजनीति करने वाली सपा की सरकार ने सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने में अड़ंगे लगाए थे।
जमीन खिसकी तो ढोंग कर रहे अखिलेश-राजभर
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि राजनीतिक जमीन खिसक रही है तो अखिलेश ओबीसी आरक्षण पर ढोंग कर रहे हैं। सवाल किया है कि चार बार सत्ता में रहने के बाद भी सपा ने पिछड़े समाज की वंचित जातियों को उनका हक देने का काम क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि रोहिणी आयोग का गठन भाजपा ने 2017 में किया। इसकी रिपोर्ट पर अभी कोई विचार विमर्श नहीं हुआ। उन्होंने मांग की कि सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट का परीक्षण कराके उसे लागू कराएं।
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