Home Life Style नींद लेने में बिल्कुल न करें कमी, नहीं तो जल्दी आएगा बुढ़ापा, नई स्टडी में चौंकाने वाला दावा

नींद लेने में बिल्कुल न करें कमी, नहीं तो जल्दी आएगा बुढ़ापा, नई स्टडी में चौंकाने वाला दावा

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नींद लेने में बिल्कुल न करें कमी, नहीं तो जल्दी आएगा बुढ़ापा, नई स्टडी में चौंकाने वाला दावा

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Aging and Sleep: अगर आप भी बिना कुछ किए लंबे समय तक उम्र के असर को खुद से दूर रखना चाहते हैं तो रोजाना बस अच्छी नींद लें। जी हां, जार्जिया में हुआ हालिया अध्ययन तो कुछ इसी तरह का दावा करता है। अध्ययन में कहा गया है कि बेहतर नींद सेहत के लिए तो फायदेमंद है ही साथ में यह उम्र ढलने की प्रक्रिया को भी धीमा करती है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि नियमित नींद का शेड्यूल बनाए रखना कोशिकाओं क स्तर पर ही उम्र ढलने की प्रक्रिया की गति को कम कर लोगो को लंबा और स्वास्थ्यकर जीवन जीने में मददगार साबित हो सकती है।

ऑगस्ता यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए अमेरिका के नेशनल हेल्थ न्यूट्रीशन एक्जामिनेशन के छह हजार प्रतिभागियों के नींद के स्वरूपों के आंकडों का विश्लेषण किया। इनकी औसत उम्र 50 साल थी। प्रतिभागियों ने इस विश्लेषण के दौरान एक नींद का ट्रैकर चार से सात दिनों के लिए पहना था। इससे उनकी नींद की अवधि, विविधता, नियमितता के अलावा नींद कितनी जल्दी आती है, सोशल जेटलेग जैसी जानकारियां मिल सकीं। 

शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के खून के नमूनों का विश्लेषण कर उनके जैविक उम्र के साथ हाइपरटेंशन, डायबिटीज और केलोस्ट्रोल स्तर आदि की जानकारी भी हासिल की। 

इस विश्लेषण में प्रतिभागियों ने शराब सेवन, धूम्रपान, सेहत, वजन, शरीरिक गतिविधि जैसे अपनी जीवनचर्या संबंधी कई सवालों के उत्तर भी दिए। 

शोधकर्ताओं ने पाया कि 65 फीसदी प्रतिभागी 7 से 9 घंटे, 16 फीसदी सात घंटे जबकि 19 फीसदी 9 घंटे सोते थे। उन्होंने प्रतिभागियों की जैविक उम्र के नींद के स्वरूप से गहरा संबंध पाया. जिन लोगों में सोने के समय और नींद की अवधि में अंतर था उनकी जैविक उम्र में भी अंतर था।

अनियमित नींद से जल्दी बूढ़ी होती हैं कोशिकाएं-

जिन लोगों की नींद के स्वरूप में लचीलापन था,  उनकी जैविक उम्र नियमित नींद वालों की तुलना में नौ महीने ज्यादा थी। शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारी आंतरिक शारीरिक घड़ी हमारी जैविक घड़ी को निर्धारित करने वाली मूल प्रणाली को प्रभावित करती है। यह डाटा दर्शाता है कि अनियमित नींद के शेड्यूल कोशिकाओं के स्तर पर उम्र बढ़ने की प्रकिया को तेज कर देते हैं। इतना ही नहीं इससे बढ़ती उम्र के सेहत संबंधी विकार और यहा तक कि जल्दी मौत होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

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