Thursday, February 6, 2025
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नीतीश कुमार की मुहिम में केसीआर का अड़ंगा, भाजपा का तंज तो राजद-जदयू का पर्दा!


हाइलाइट्स

नीतीश कुमार के विपक्षी एकता की मुहिम को बड़ा झटका!
सीएम केसीआर ने नीतीश और तेजस्वी को नहीं भेजा न्योता.
BJP का तंज, JDU और RJD कर रहा पर्दा डालने की कोशिश.

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्षी एकता के सपनों को बड़ा धक्का लगा है और प्रधानमंत्री बनने के सपने भी टूटते नजर आ रहे हैं. दरअसल, तेलंगाना के सीएम चन्द्रशेखर राव बुधवार को विपक्षी एकता को एकजुट कर पहली रैली की. इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के सीएम पिनाराई विजयन, यूपी के पूर्व सीएम व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, पंजाब के सीएम भगवंत मान और टी राजा समेत कई अन्य बड़े नाम इस रैली में भाग लेने पहुंचे. इसमें कई बड़े दल तो शामिल हुए, लेकिन जदयू और राजद को आमंत्रण ही नहीं मिला. ऐसे में यह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बड़ा झटका माना जा रहा है. इसी को लेकर बीजेपी के नेता और बिहार विधान सभा के नेता विजय सिन्हा ने इस मामले को लेकर नीतीश कुमार पर तंज किया है.

विजय सिन्हा ने कहा, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने तो बिहार आकर अपनी मंशा को साफ कर दिया था. यहां एक अनार सौ बीमार की स्थिति बनी हुई है. प्रधानमंत्री का सपना कई लोगों को आ रहा है तो ख्वाबों की टकराहट में कैसे एक दूसरे को स्वीकार कर पाएंगे? वहीं, जदयू के नेता और बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि उद्देश्य एक ही है बीजेपी को सत्ता से बाहर करना और इसके लिए प्रयास किया जा रहा है.

मंत्री बिहार श्रवण कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी समाधान यात्रा में व्यस्त हैं और इससे निपटने के बाद वो भी कई राज्यों की यात्रा करेंगे. इसके बाद एक बार फिर वे विपक्षी एकता को एकजुट करने के अभियान को आगे बढ़ाएंगे. मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तमाम विपक्षी दलों को एक करने में लगे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए वे हर कोशिश करेंगे.

आपके शहर से (पटना)

KCR की रैली में नीतीश कुमार को नहीं बुलाए जाने के मुद्दे पर जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा,  नीतीश कुमार जी ने इन सभी चीजों की कभी परवाह नहीं की है. सीएम नीतीश चाहते हैं कि सभी विपक्षी दल एक प्लेटफॉर्म पर हों. चेहरा भी महत्वपूर्ण नहीं है. बस 2024 का चुनाव मुद्दों पर आधारित हो वो महत्वपूर्ण है.

वहीं, इस मामले पर राजद के प्रवक्ता ने भी पर्दा डालने की कोशिश की और कहा कि उद्देश्य एक ही है, बीजेपी के खिलाफ एकता को मजबूत करना. नीतीश कुमार और हमारे नेता लालू यादव ने जो महागठबंधन बनाकर काम की शुरुआत की थी, इसमें ही आगे का काम हो रहा है. वहीं नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने के राह में रोड़े अटकने के सवाल पर राजद प्रवक्ता को कुछ बोलते नहीं बना.

बहरहाल, भाजपा और भाजपा विरोधी खेमे के बीच वार-पलटवार का क्रम लगातार जारी है. लेकिन, इतना तो अवश्य ही कहा जा सकता है कि केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ 2024 लोकसभा चुनाव के लिए मोर्चाबंदी के लिहाज से केसीआर की यह रैली अहम मानी जा रही थी. इसमें नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को न्योता नहीं दिया जाना राजनीतिक रणनीति के लिहाज से बड़ी बात है.

जानकारों की मानें तो यह और भी अहम इसलिए है कि अब तक सीएम नीतीश की विपक्षी एकजुटता की पहल के प्रति कांग्रेस की बेरुखी भी है. अब सवाल यह कि क्या राष्ट्रीय सियासी रणनीति का असर बिहार की महागठबंधन सरकार पर भी दिखेगा?

Tags: Arvind kejriwal, Bihar News, Bihar politics, CM KCR, CM Nitish Kumar, Tejasvi yadav



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