हाइलाइट्स
सुधाकर सिंह का उपेंद्र कुशवाहा को करारा जवाब.
कुशवाहा को सीएम नीतीश से अदावत याद दिलाई.
कुशवाहा परिवार से दुर्व्यवहार की बात याद दिलाई.
पटना. आरजेडी के विधायक और बिहार सरकार में पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की तरफ से लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. सुधाकर सिंह की तरफ से हाल में नीतीश कुमार के बारे में जो बयान दिया गया उसके बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की तरफ से उस पर पलटवार किया गया. जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सुधाकर सिंह की शिकायत उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से की, वह भी एक पत्र के माध्यम से.
उपेंद्र कुशवाहा ने भाषाई मर्यादा लांघने का आरोप लगाकर सुधाकर सिंह की शिकायत पोस्ट के माध्यम से तेजस्वी यादव से की. इसके जवाब में आरजेडी के एमएलए सुधाकर सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को भाषाई मर्यादा की याद दिलाई. सुधाकर सिंह ने कहा कि जब 2011 में जेडीयू से इस्तीफा दिए थे तो उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर क्या क्या कहा था? उसके बाद 2018-19 में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर उपेंद्र कुशवाहा के बयानों की याद दिलाई.
सुधाकर सिंह ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से लिखा,
आपके शहर से (पटना)
प्रिय उपेंद्र कुशवाहा जी, नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं. आपको जानकर खुशी होगी कि श्री लालू प्रसाद यादव जी की सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत करने वाले आप जैसे योद्धा का मैं पुराना प्रशंसक हूं. विशेष रूप से इस वजह से भी कि कई वर्षों पहले आपने नीतीश कुमार के बारे में जो भी भविष्यवाणियां कीं थीं वह आज सच साबित हो रहीं हैं.
मुझे ठीक ठीक याद है कि आपने 9 दिसम्बर 2011 को नीतीश कुमार को तानाशाह और अलोकतांत्रिक बताते हुए जनता दल यूनाइटेड से इस्तीफा दे दिया था. उस समय मुझे भी आपके इस वक्तव्य पर आश्चर्य हुआ था मगर आज आपकी दूरदर्शिता पर गर्व महसूस होता है. 2018-2019 में आपने नीतीश कुमार के कार्यकाल को बिहार का सबसे खराब दौर कहा था जिस दौरान बिहार की शिक्षा व्यवस्था पुरी तरह से चरमरा चुकी है. उस दौरान आपकी नजर में नीतीश कुमार सरकार चलाने के लायक नहीं थे. इन सटीक विश्लेषणों के लिए मेरा साधुवाद स्वीकार कीजिए.
चार वर्ष पहले आपके द्वारा आयोजित की गई नीतीश हटाओ भविष्य बचाओ पदयात्रा आज भी हमारे जैसे साधारण कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत है और हमें पूरी उम्मीद है कि नीतीश कुमार को हटाने के लिए जो नींव आपने चार वर्ष पहले रखी थी वह जल्द पूरी होगी.
मैंने अपने राजनैतिक जीवन काल का सबसे खौफनाक मंजर रविवार 15 मार्च 2009 को देखा था जब आपके सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारी संख्या में पुलिस बल भेजकर आपकी गैर मौजूदगी में आपकी वृद्ध माता जी, धर्मपत्नी समेत घर के तमाम सदस्यों को राजनीतिक सुचिता अथवा मर्यादा का खयाल किए बगैर जबरन बाहर निकालकर सरकारी आवास खाली करवाया था. हम लोग आज भी आपके साथ हुए दुर्व्यवहार को याद करके शर्मिंदगी महसूस करते हैं.
आपने बिहार के हितों के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं. कृषि मंडी कानून आपकी पार्टी रालोसपा के घोषणा पत्र का प्रमुख हिस्सा था जिसकी लड़ाई आज भी मैं लड़ रहा हूं. यहां तक कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार के बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर आपने आमरण अनशन भी किया था जिसे हमारे नेता श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने ही आपको जूस पिलाकर खत्म करवाया था.
आपने जब पूरे बिहार में खीर पकाने की बात की तो हमने पूरी तन्मयता के साथ बिल्ली से उस खीर की रक्षा के लिए तैयारी की। मगर हमें क्या पता था कि खुद बाघ ही बिल्ली को खीर की हांडी परोस आयेगा और खीर बनाने वाले को एक चम्मच खीर भी नसीब नहीं होगी.
रही बात नीतीश कुमार को शिखंडी कहे जाने की तो यह संज्ञा राजद के द्वारा आधिकारिक तौर पर कई वर्षों पहले ही नीतीश कुमार को दी जा चुकी है, उसे सहर्ष स्वीकारने के बाद ही नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल से अपनी सरकार बचाने के लिए सहयोग की गुजारिश करने आए थे.
आपकी सुविधा के लिए पूर्व में आपके द्वारा दिए गए वक्तव्यों एवं अनुभवों से सम्बन्धित खबरों की कुछ तस्वीर आपसे साझा कर रहा हूं. हो सके तो इसको फ्रेम करवा कर घर में लगवा लिजिए ताकि भविष्य में आपको भी अपनी जिम्मेवारी का एहसास होता रहे और पूर्व की तरह आगे भी आप हमें मार्गदर्शित करते रहें.आपका पुराना प्रशंसक !सुधाकर सिंह, विधायक, राजद
इस पोस्ट से साफ है कि सुधाकर सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच की यह लड़ाई थमने वाली नहीं है. लेकिन इस आरोप प्रत्यारोप के सिलसिले ने महागठबंधन के अंतर्विरोध को सतह पर ला दिया है.
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Tags: Bihar politics, Upendra kushwaha
FIRST PUBLISHED : January 03, 2023, 10:24 IST