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Bihar Chunav: नीतीश कुमार राजनीति की हारी हुई बाजी जीतने का माद्दा रखते हैं. मौजूदा विधानसभा में नीतीश कुमार का जेडीयू भले तीसरे नंबर पर हो, लेकिन अपने सियासी कौशल से वे सीएम बने हुए हैं. यह भी सच है कि नीतीश क…और पढ़ें

बिहार के सीएम नीतीश कुमार से चिराग पासवान ने मुलाकात की है.
हाइलाइट्स
- चिराग पासवान ने नीतीश कुमार से मुलाकात की.
- चिराग ने कहा, नीतीश ही सीएम बने रहेंगे.
- नीतीश कुमार राजनीति में माहिर हैं.
लोजपा-आर के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान सोमवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार से उनके सरकारी आवास पर जाकर मिले. रविवार को चिराग ने दरभंगा में कहा था कि बिहार में अभी सीएम पद की वैकेंसी नहीं है. नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में विकास के कामों को आगे बढ़ाया जाएगा. पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार से चिराग पासवान के रिश्ते जगजाहिर हैं. चिराग के कारण ही जेडीयू को 34 सीटों से हाथ धोना पड़ा था. चिराग अक्सर नीतीश की आलोचना इस कदर करते थे, जैसे दूध में किसी ने नींबू निचोड़ कर फाड़ दिया हो. दोनों के बीच वैसे रिश्ते जिनने देखें हैं, उन्हें सोमवार की मुलाकात पर घोर आश्चर्य हो रहा होगा.
यूं ही नहीं मिले चिराग
दरअसल, चिराग पासवान के समर्थकों ने रविवार को बिहार एनडीए की राजनीति में भूचाल खड़ा कर दिया था. समर्थकों ने पोस्टर-बैनर लगा कर चिराग को सीएम के रूप में पेश किया. नीतीश तक यह बात नहीं पहुंची होगी, ऐसा हो नहीं सकता. शराबबंदी, स्मार्ट मीटर और लैंड सर्वे पर नीतीश कुमार की टांग खींचने वाले विपक्षी भी यह जानते हैं कि नीतीश की भूंजा पार्टी के जरिए अपने-पराए हर की गतिविधि की जानकारी उन तक पहुंच जाती है. महागठबंधन की सरकार चलाते 2025 में उन्होंने घटक दलों के नेताओं के साथ अपने दल के विधायकों की कलई खोल दी थी. महेश हजारी दिल्ली के लिए कैसे हाथ-पांव मार रहे हैं और आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह किसके साथ फोटो खिंचवा रहे हैं, नीतीश ने भरी सभा में यह बता दिया था. यह भी कौन क्या बोलता है, उन्होंने बता दिया.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार से चिराग पासवान ने मुलाकात की है.
CM पर सफाई देने गए?
अब सवाल उठता है कि चिराग अचानक नीतीश कुमार से मिलने क्यों गए. अंदरखाने की चर्चा है कि चिराग के समर्थकों द्वारा लगाए गए पोस्टर से नीतीश नाराज थे. एनडीए की एकता में बाधा का संदेश बाहर जाने का खतरे का उन्हें अंदेशा था. इसलिए कि भाजपा नेता भी अब सीएम का सवाल टालते नहीं. वे खुल कर कहने लगे हैं कि नीतीश कुमार ही अगली बार भी सीएम बनेंगे. हाल के दिनों में चिराग की चर्चा बिहार में इसलिए खूब हुई है कि उन्होंने केंद्र की बजाय सूबे की सियासत में आने के संकेत कई बार दिए. पहली बार उन्होंने कहा कि वे बिहार की राजनीति करना चाहते हैं. दूसरी बार कहा- इस बार नहीं, लेकिन 2029 में वे विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. तीसरी बार उनकी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी ने उन्हें बिहार की राजनीति में आने का प्रस्ताव पारित किया. रविवार को तो उन्हें सीएम फेस बताने वाले पोस्टर तक लग गए. यह सब ीतीश कुमार को नागवार लगना स्वाभाविक है. इसलिए कि एनडीए के अन्य घटक दल अब ऐलानिया कह रहे हैं कि नीतीश ही अगले सीएम बनेंगे.
खूब चर्चा में हैं चिराग
इससे चिराग पासवान इन दिनों बिहार की राजनीति में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं. चर्चा तीन कारणों से हो रही है. पहली चर्चा उनकी सीटों को लेकर है. पिछली बार तो वे एनडीए में थे ही नहीं. इस बार उनकी पार्टी 40 से कम पर मानने को तैयार नहीं. एनडीए में अव्वल तो उनकी नए सिरे से जगह बनाई जानी है. उनका कोई सिटिंग विधायक भी नहीं. उनकी ताकत यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा-आर एक सीट पर जीती और 14 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही. लोकसभा चुनाव में 100 प्रतिशत नतीजे देने का रिकॉर्ड बनाया. पार्टी के इकलौता सांसद होकर भी उन्होंने सांसदों की संख्या 5 पर पहुंचाई. हालांकि उनका एकमात्र विधायक भी जेडीयू में चला गया. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू लोकसभा चुनाव में भले 75 प्रतिशत परफॉर्मेंस पर अटक गई, लेकिन भाजपा के बराबर उनके 12 सांसद हैं. भाजपा और जेडीयू के रिश्ते 2024 में जो बने हैं, उसमें नीतीश कुमार के इस बयान के बार-बार रिपीट होने से और प्रगाढ़ता ही आई है कि पिछली गलती वे नहीं दोहराएंगे, एनडीए के साथ ही रहेंग. कमजोर हाल में भी नीतीश का लोहा केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने वाली भाजपा भी मानती है.
नीतीश ही NDA के सरदार
खैर, चिराग पासवान ने नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद दोबारा स्पष्ट किया है कि बिहार मे सीएम का चेहरा नहीं बदलेगा. नीतीश कुमार ही सीएम बनेंगे. भाजपा यह बात लगातार कहती रही है. आरएलएम के चीफ उपेंद्र कुशवाहा भी यही कह रहे. हम (से) के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भी स्पष्ट कर चुके हैं कि नीतीश कुमार ही एनडीए में एकमात्र सीएम पद के दावेदार हैं. अमित शाह के एक बयान से यह संशय पैदा हुआ था कि कहीं महाराष्ट्र वाला खेल नीतीश के साथ न हो जाए. पर, नीतीश राजनीति की हारी हुई बाजी जीतने का माद्दा रखते हैं. मौजूदा विधानसभा में नीतीश कुमार का जेडीयू भले तीसरे नंबर पर हो, लेकिन अपने सियासी कौशल से वे सीएम बने हुए हैं. यह भी सच है कि नीतीश कुमार को कभी अपनी पार्टी के बहुमत से सरकार बनाने का मौका नहीं मिला. पर, उनका रुतबा ऐसा रहा कि उन्हें सीएम बनाने के लिए भाजपा हो या आरजेडी, हमेशा साथ देने को तैयार रहे. चिराग पासवान भी अब ज्यादा चिल्ल-पों नहीं मचा पाएंगे, यह सोमवार की मुलाकात से साफ हो गया है.

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho…और पढ़ें
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho… और पढ़ें
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