पटना. कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह अब उनके सबसे धुर विरोधियों में शामिल हैं. वे अक्सर मौके की तलाश में रहते हैं कि कब, कहां और कैसे सीएम नीतीश पर सटीक हमला बोला जाए. आरसीपी सिंह ने एक बार फिर मौका तलाश लिया जब सीएम नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटकता की कवायद कर दिल्ली से पटना लौटे. आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश को मौकापरस्त नेता करार देते हुए आरोप लगाया है कि वे कुर्सी के लिए कुछ भी कर सकते हैं.
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर नीतीश कुमार इन दिनों विपक्षी एकता के नायक के तौर पर देखे जा रहे हैं. इसके लिए वे चार दिनों के दिल्ली प्रवास से गुरुवार को पटना लौटे तो जदयू के कई नेताओं-कार्यकर्ताओं ने उन्हें फिर से पीएम मैटेरियल कहकर बुलाना शुरू कर दिया है. इसी को लेकर आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार की PM उम्मीदवारी पर भी तंज कसा है और कहा है कि- नीतीश बाबू आप PM थे, PM हैं और PM रहेंगे ! आरसीपी सिंह ने इसका फुल फॉर्म बताते हुए नीतीश कुमार को ‘पलटीमार’ कहा दिया है.
आरसीपी सिंह ने इसके लिए काफी लंबा ट्वीट लिखा है, इसका पूरा आलेख कुछ इस प्रकार है:-
राजद के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि जितना शीघ्र हो आप PM पद के उम्मीदवार या विपक्षी एकता के संयोजक या फिर और किसी नाम के बैनर के तहत बिहार से बाहर निकलें और मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने उप मुख्यमंत्री को सौंप दें. आप क्या करेंगे वो आप ही जानते होंगे.
कांग्रेस पार्टी का करीब 138 वर्षों का इतिहास रहा है. इस दल में एक ही वंश के तीन-तीन प्रधानमंत्री हुए एवं आज पांचवीं पीढ़ी के छठे नेता पार्टी के सर्वेसर्वा हैं. आज भी कुछ प्रदेशों में इनकी सरकारें हैं. इस परिस्थिति में नीतीश बाबू आप ही समझें कि कांग्रेस पार्टी विपक्षी एकता की कमान किन परिस्थितियों में आपको सौंपेगी.
आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो आपके नेतृत्व को कैसे देखते हैं यह आप भली भांति जानते हैं. वाम दलों के नेताओं ने भी आपका स्वागत किया, परंतु आप पर उनका कितना विश्वास है यह आप ही समझें. नीतीश बाबू आप मानें या ना मानें विभिन्न दलों के नेता एवं कार्यकर्ता आपको संशय (Suspicion) की नजर से देखते हैं. आपकी साख (Credibility) समाप्त हो चुकी है और आपकी विश्वसनीयता (Reliability) बची ही नहीं. ऐसे में कोई दल कैसे आप पर विश्वास कर देश की बागडोर आपको दे सकता है?
नीतीश बाबू राजनीति में आप काफी अनुभवी हैं पर आप जानते ही हैं कि इस देश में 1977 से लेकर 1999 तक कुल 12 प्रधानमंत्री हुए, मतलब कि 22 वर्षों में 12 प्रधानमंत्री! आश्चर्य मत करिए इनमें भी सर्व श्री मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, वीपी सिंह, देवेगौड़ा जी और गुजराल साहब का कार्यकाल कुल मिलाकर 6 वर्षों और 58 दिनों का रहा. इनमें सबसे छोटा कार्यकाल चौधरी चरण सिंह का 170 दिनों का तथा सबसे लंबा कार्यकाल मोरारजी देसाई जी का 2 वर्षों एवं 126 दिनों का रहा. नीतीश बाबू अब जरा सोचिए उस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की क्या स्थिति थी तथा राजनीतिक अस्थिरता के चलते देश रसातल में जा चुका था.
आज तो और दिलचस्प स्थिति रहेगी. आप लोग कहते हैं कि 20 दल एक साथ आएंगे मतलब कि 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री पद के विपक्षी दलों के कम से कम 20 उम्मीदवार प्रधानमंत्री बनने के लिए अपने मन में चाह रखेंगे. स्पष्ट है कि 5 वर्षों का कार्यकाल में 20 लोगों की प्रधानमंत्री की दावेदारी. समझ लीजिए कि एक प्रधानमंत्री का कार्यकाल करीब 3 महीने का होगा. इसका देश पर क्या प्रभाव पड़ेगा? आज भारतवर्ष G20 का प्रेसिडेंट है. दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. लोग क्या कहेंगे, इसे समझिए नीतीश बाबू. वैसे भी आप तो यही चाहते हैं कि आप PM बनें.
आप PM थे। आप PM हैं। आप PM रहेंगे। हां मैं सही कह रहा हूं. PM का मतलब समझिए : P-पलटी, M-मार, PM = पलटी मार! आप तो समझ ही गए होंगे, आपका भविष्य उज्ज्वल हो यही मेरी कामना है! कुर्सीवाद जिंदाबाद! कुर्सीवाद जिंदाबाद! वंशवाद जिंदाबाद! वंशवाद जिंदाबाद! पलटीमारवाद जिंदाबाद! पलटीमारवाद जिंदाबाद! शुक्रिया।
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FIRST PUBLISHED : April 14, 2023, 17:36 IST