
[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
मॉनसून सत्र में दिल्ली सेवा बिल को लेकर लोकसभा में गुरुवार को बहस हो रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बात रखते हुए आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान, उन्होंने कांग्रेस से अपील भी की कि वह इस बिल का विरोध नहीं करे, क्योंकि बिल के पास हो जाने के बाद आम आदमी पार्टी ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा नहीं रहने वाली। संसद में बहस के दौरान अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल समेत तमाम नेताओं का भी जिक्र किया, जिस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी काफी खुश हो गए। उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरू की तारीफ की, जिसे सुनकर उन्हें मन किया कि गृह मंत्री को शक्कर-शहद खिला दें।
दरअसल, बिल पर बहस के दौरान अमित शाह ने कहा कि दिल्ली की स्थापना 1911 में अंग्रेजों के शासन द्वारा की गई थी। 1919 और 1935 में ब्रिटिश सरकार ने चीफ कमिशनर प्रोविंस का नोटिफिकेशन किया। आजादी के बाद पट्टाभि सीतारमैया कमेटी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की सिफारिश की, लेकिन जब वह संविधान सभा के सामने आई तब पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी, राजेंद्र प्रसाद और डॉ. आंबेडकर जैसे नेताओं ने इसका विरोध किया और कहा कि यह उचित नहीं होगा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।
शाह के अनुसार, पंडित नेहरू ने तब कहा था कि रिपोर्ट आने के दो साल बाद आज दुनिया बदल गई है, भारत बदल गया है, ऐसे में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता और इसे स्वीकार करना वास्तविकता से मुंह मोड़ना होगा। शाह ने विधेयक का विरोध करने वाले कांग्रेस सदस्यों से कहा कि आज वे जिसका विरोध कर रहे हैं, उसकी सिफारिश पंडित नेहरू ने की थी। उन्होंने कहा कि 1993 के बाद दिल्ली में कभी कांग्रेस और कभी भाजपा की सरकार आईं और दोनों में से किसी दल ने दूसरे (विपक्ष) के साथ झगड़ा नहीं किया, लेकिन 2015 में ऐसी सरकार आई जिसका मकसद सेवा करना नहीं, केवल झगड़ा करना है। शाह ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वास्तव में इनका मकसद कानून व्यवस्था और स्थानांतरण पर नियंत्रण नहीं, बल्कि विजिलेंस को नियंत्रण में लेकर ‘बंगले’ का और भ्रष्टाचार का सच छिपाना है।
नेहरू का जिक्र करने पर अधीर रंजन चौधरी ने कही यह बात
अमित शाह के चर्चा में हिस्सा लेने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बीते दिन ही यह मुद्दा सदन में आने वाला था और लिस्ट भी हुआ था, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से सदन को ठप करवा दिया गया। यह हमारी संसदीय परंपरा में नहीं देखा गया। गृह मंत्री अमित शाह जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस पार्टी की तारीफ कर रहे थे। मैं सोच रहा था कि यह क्या देख रहे हैं हम लोग। अभी दिन है या रात है। मैंने सोचा कि मैं दोड़कर जाऊं और अमित शाह के मुंह में शक्कर और शहद डाल दूं, क्योंकि अमित शाह के मुंह से जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस पार्टी की तारीफ मेरे लिए काफी अचरज वाली बात थी। हालांकि, इस पर तुरंत पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा कि मैंने नेहरू की तारीफ नहीं की, बल्कि उन्होंने जो कहा उसे कोट-अनकोट किया। यदि उसे तारीफ माना जाए तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है।
[ad_2]
Source link