Home Health नॉर्मल डिलीवरी की कोशिश करना है खतरनाक, अगर बन रही हैं ये 5 कंडीशन, मां और बच्चे की बढ़ सकती है परेशानी

नॉर्मल डिलीवरी की कोशिश करना है खतरनाक, अगर बन रही हैं ये 5 कंडीशन, मां और बच्चे की बढ़ सकती है परेशानी

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Family, नॉर्मल डिलीवरी को हमेशा एक बेहतर विकल्प माना जाता है क्योंकि यह मां और बच्चे दोनों के लिए जल्दी रिकवरी और कम जटिलताओं वाला विकल्प होता है. लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में नॉर्मल डिलीवरी की कोशिश करना न केवल जोखिमभरा होता है, बल्कि मां और शिशु दोनों की जान को खतरे में डाल सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, यदि गर्भावस्था में कुछ विशेष मेडिकल या शारीरिक समस्याएं पाई जाती हैं, तो समय रहते सीज़ेरियन डिलीवरी (C-section) की योजना बनाना जरूरी हो जाता है.

यहां जानिए वे 5 परिस्थितियां जब नॉर्मल डिलीवरी की कोशिश खतरनाक हो सकती है:

1. बच्चा उलटी पोजिशन (ब्रीच प्रेजेंटेशन) में हो
सामान्य डिलीवरी तभी सुरक्षित मानी जाती है जब शिशु का सिर नीचे की ओर हो. लेकिन कई बार शिशु गर्भ में उलटी अवस्था यानि ब्रीच पोजिशन (पैर या नितंब नीचे) में होता है.

खतरा:

इस स्थिति में नॉर्मल डिलीवरी के दौरान सिर अटक सकता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी हो सकती है.

शिशु को चोट लगने और मां को अत्यधिक प्रसव पीड़ा या रक्तस्राव होने की आशंका होती है.
डॉक्टर की सलाह:

ऐसे केस में C-section ही सुरक्षित विकल्प होता है.

2. प्लेसेंटा प्रिविया (Placenta Previa)
यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें प्लेसेंटा गर्भाशय के निचले हिस्से में स्थित होता है और सर्विक्स (बच्चेदानी का मुंह) को आंशिक या पूरी तरह ढक लेता है.

खतरा:

प्रसव के दौरान भारी रक्तस्राव हो सकता है.

मां की जान को गंभीर खतरा हो सकता है.
समाधान:

ऐसे मामलों में सिजेरियन डिलीवरी की जाती है ताकि प्लेसेंटा और शिशु दोनों को नुकसान से बचाया जा सके.

3. हाई ब्लड प्रेशर या प्री-एक्लेम्पसिया
यदि गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान उच्च रक्तचाप, सूजन या पेशाब में प्रोटीन की शिकायत है, तो इसे प्री-एक्लेम्पसिया कहा जाता है।

खतरा:

यह मां के अंगों (जैसे किडनी, लीवर) को प्रभावित कर सकता है.

बच्चे को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता.
डॉक्टर की राय:

ऐसे मामलों में समय पर सिजेरियन कराना मां और बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित होता है.

4. डिलेवरी के समय कॉर्ड का गले में लिपटना (Cord Around Neck)
यदि बच्चे की गर्दन के चारों ओर गर्भनाल लिपटी हो, तो नॉर्मल डिलीवरी के दौरान वह कस सकती है.

खतरा:

इससे बच्चे को ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो सकती है, और ब्रेन डैमेज या श्वास संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं. अल्ट्रासाउंड से यह स्थिति पहले ही पता चल सकती है और डॉक्टर C-section की सलाह देते हैं.

5. पहले C-Section या यूटेरस पर ऑपरेशन का इतिहास
यदि महिला की पहले से सर्जरी हो चुकी हो जैसे कि पिछली डिलीवरी C-section से हुई हो या गर्भाशय पर कोई अन्य ऑपरेशन, तो नॉर्मल डिलीवरी खतरनाक हो सकती है.

खतरा:

यूटेरस फटने (uterine rupture) का खतरा होता है जो जानलेवा हो सकता है.
सलाह:

ऐसे मामलों में दोबारा C-section करना ही सुरक्षित होता है.

हर गर्भावस्था अलग होती है और हर महिला के शरीर की बनावट व मेडिकल हिस्ट्री अलग-अलग होती है. इसलिए नॉर्मल डिलीवरी तभी करनी चाहिए जब मां और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित हों. ऊपर बताई गई परिस्थितियों में यदि डॉक्टर C-section की सलाह देते हैं, तो उसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. सुरक्षित डिलीवरी ही एक सुखद मातृत्व की शुरुआत होती है. इसलिए लक्षणों को पहचानें, नियमित जांच कराएं और डॉक्टर की राय पर भरोसा करें.



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