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Maharashtra Assembly Monsoon Session: दो सप्ताह से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक साफ नहीं है कि ‘असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी’ कौन सी है। इसी बीच महाराष्ट्र विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान भी असमंजस का माहौल बना रहा। दरअसल, खबर है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार और दिग्गज शरद पवार गुटों के विधायक तो सत्तारूढ़ और विपक्ष में नजर आए, लेकिन इनमें कुछ MLAs ऐसे भी थे, जो लुका छुपी खेलते रहे।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अजित गुट का दावा है कि उन्हें 40 विधायकों का समर्थन हासिल है, लेकिन आधिकारिक तौर पर 24 ही उनके साथ नजर आते हैं। विधानसभा में भी 12-16 एनसीपी विधायक सत्ता पक्ष के साथ नजर आए। वहीं, 12-14 विधायक विपक्षी खेमे में बैठे हुए थे। बचे हुए विधायक दोनों गुटों की चिंता बढ़ा रहे थे। राज्य में एनसीपी के कुल 54 विधायक हैं।
रिपोर्ट में एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता के हवाले से बताया गया, ‘ये एनसीपी विधायक सदन में केवल अटेंडेंस लगाने के लिए आ रहे हैं, लेकिन बैठने से बच रहे हैं, ताकि पार्टी संकट के बीच उनकी छवि न्यूट्रल बनी रहे। विधायक न अजित पवार को देखना चाहते और न ही शरद पवार को। ऐसे में पहचान करना मुश्किल हो जाता है कि आखिर किसके पास संख्या ज्यादा है।’
अजित पवार बनेंगे सीएम?
अजित पवार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े संकेत दे रही है। खबर है कि एनसीपी भी इन बैठकों से उम्मीद लगाए बैठी है। हालांकि, अब तक न ही एनसीपी गुट और न ही भारतीय जनता पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ कहा गया है। खास बात है कि नए उपमुख्यमंत्री खुद कई बार सीएम बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।
रिपोर्ट में अजित गुट के एक विधायक के हवाले से बताया गया कि जब तक अजित सीएम नहीं बन जाते, विधायकों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘हमें 45 एनसीपी विधायकों का समर्थन हासिल है, लेकिन उन्होंने हमें कहा है कि अजित दादा के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद खुलकर सामने आएंगे और तब तक न्यूट्रल रहेंगे। अगर अजित पवार सीएम बनते हैं, तो यह पार्टी को ताकत देगा और उन्हें विकास के लिए भी अच्छे फंड मिलेंगे। तब तक न्यूट्रल रहने में ही उनका फायदा है।’