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न गवाह, न साक्ष्य और न कोई सबूत मिले, पूर्व MLA अनंत सिंह फिर एक केस में बरी

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न गवाह, न साक्ष्य और न कोई सबूत मिले, पूर्व MLA अनंत सिंह फिर एक केस में बरी

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Anant Singh News: मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह को 2019 लोकसभा चुनाव केस में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है.एमपी-एमएलए कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह फैसला सुनाया. हालांकि, अनंत सिंह …और पढ़ें

न गवाह, न साक्ष्य और न कोई सबूत मिले, पूर्व MLA अनंत सिंह फिर एक केस में बरी

मोकामा के पूर्व विधायक अनंत कुमार सिंह एक और केस में बरी किये गए.

हाइलाइट्स

  • बाहुबली अनंत सिंह 2019 लोकसभा चुनाव के केस में बरी किये गए.
  • 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज केस में साक्ष्य के अभाव में बरी.
  • एमपी-एमएलए कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फैसला सुनाया.

मुंगेर. मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के कारण उन्हें एक और केस में बरी कर दिया गया है. मामला लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान का है जब अनंत सिंह के साथ ही उनके 80-100 समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था.लेकिन, अभियोजन पक्ष अनंत सिंह के विरुद्ध आरोप को साबित करने में विफल रहा और मुंगेर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें इस केस बरी कर दिया. बता दें कि सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अनंत सिंह सशरीर उपस्थित नहीं हो पाए इसलिए न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्णय सुनाया. इसके साथ ही पूर्व के बयान में अभियुक्त के प्रारूप में अनंत सिंह ने अपने उपर लगाए गए आरोप को निराधार बताया गया था जो केन्द्रीय कारा पटना से न्यायालय में प्राप्त हुआ था.

कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फैसला सुनाया-बता दें कि मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह पर 2019 में आदर्श आचार संहिता का मामला दर्ज हुआ था. लेकिन आरोप पत्र सिर्फ अनंत कुमार सिंह के खिलाफ कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था. अब इसमें भी छह वर्ष बाद कोर्ट का फैसला आया और साक्ष्य के अभाव में अनंत सिंह को बरी कर दिया गया. एमपी-एमएलए के विशेष न्यायालय के न्यायाधीश सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम सह सहायक सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार पंकज ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. बता दें कि अनंत सिंह केन्द्रीय कारा बेऊर पटना में बाढ़ थाना कांड संख्या 389/2019 में सजावार बंदी हैं.

क्या था पूरा मामला?
बिहार में छोटे सरकार से मशहूर अनंत सिंह ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बिना इजाजत लिए चुनाव प्रचार किया था. मामला 31 मार्च 2019 का है जब अनंत सिंह ने 16 गाडियों के काफिले के साथ अपने समर्थकों के साथ धरहरा अंचल में कांग्रेस प्रत्याशी सह अपने पत्नी नीलम देवी के प्रचार-प्रसार किया था. लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र मुंगेर के जमालपुर विधानसभा क्षेत्र में धरहरा अंचल अन्तर्गत फ्लाईंग स्क्वॉयड की टीम में मैजिस्ट्रेट के रूप में अंचल अधिकारी अबुल हुसैन प्रतिनियुक्ति थे. उनके बयान पर धरहरा थाना में कांड संख्या 84/2019 दर्ज हुआ था. इस मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने अनंत सिंह को केस से बरी कर दिया.

अभी जेल में ही रहेंगे अनंत सिंह
यहां यह भी बता दें कि भले ही अनंत सिंह को इस केस में बरी कर दिया गया है, लेकिन वह अभी जेल में ही रहेंगे. अनंत सिंह कुछ दिन पहले पैरोल पर 24 घंटे के लिए बेऊर जेल से बाहर निकले थे. बाढ़ के लदमा में उनकी पोती की शादी थी. शादी में शामिल होने के बाद वो वापस बेऊर जेल लौट गये. हालांकि इस दौरान अनंत सिंह ने रिहाई के संकेत दिये थे. तब उन्होंने कहा था कि 15-20 दिन में हाईकोर्ट से उन्हें बड़ी राहत मिलने वाली है. इसके बाद वो आगामी विधानसभा चुनाव में मोकामा से अपनी किस्मत अजमा सकते हैं. अब उनके समर्थक अपने छोटे सरकार की रिहाई की उम्मीद लगाए हुए हैं.

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