Home National ‘पत्नी की गंभीर बीमारी, हिरासत में 8-10 घंटे पूछताछ…’, कोर्ट में मनीष सिसोदिया ने रखीं ये दलीलें

‘पत्नी की गंभीर बीमारी, हिरासत में 8-10 घंटे पूछताछ…’, कोर्ट में मनीष सिसोदिया ने रखीं ये दलीलें

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‘पत्नी की गंभीर बीमारी, हिरासत में 8-10 घंटे पूछताछ…’, कोर्ट में मनीष सिसोदिया ने रखीं ये दलीलें

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नई दिल्ली. भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के नेता (AAP) और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manisha Sisodia) की सीबीआई रिमांड बढ़ा दी है. दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में शनिवार को हुई सुनवाई में मनीष सिसोदिया की 2 दिन सीबीआई रिमांड बढ़ा दी है. सीबीआई ने अदालत में मनीष सिसोदिया की रिमांड 3 दिन बढ़ाने की मांग की थी. सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, कई आरोपियों से आमने सामने बैठा कर पूछताछ करनी है. मनीष सिसोदिया के वकील ने सिसोदिया की सीबीआई रिमांड बढ़ाने की मांग का विरोध किया था.

मनीष सिसोदिया ने खुद जज से कहा कि उनसे सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक पूछताछ होती है जिससे मानसिक रूप से हैरेसमेंट होता है. मनीष सिसोदिया ने खुद जज से कहा कि 8-10 घंटे बैठाते हैं, एक जैसे ही सवाल पूछते हैं जो कि एक तरह से मानसिक प्रताड़ना है. इसके साथ ही मनीष सिसोदिया की तरफ से ये भी कहा गया कि उनकी पत्नी एक गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. उनके मेडिकल ग्राउंड को अनदेखा किया जा रहा है ऐसे मौके पर उन्हें उनके साथ रहना है.

मनीष सिसोदिया के वकील ने दी ये दलीलें
मनीष के वकील ने अदालत में कहा कि कुछ महीने पहले मेरे घर पर रेड हुई. अब दस्तावेज की बरामदगी की बात कहने का क्या मतलब है? रेड के बाद मैं कई दिन से बाहर ही हूं. सीबीआई के पास कोई कारण नहीं है कि मनीष को सीबीआई की हिरासत में रखा जाए.

मनीष के वकील ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप अनुच्छेद 32 के तहत यहां नहीं आ सकते. लेकिन आप अन्य कानूनी समाधान ले सकते हैं. उन्होंने कहा, सीबीआई की रिमांड कॉपी में कुछ ठोस नहीं है, वही पुराने आरोप हैं.

इस पर कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि आप मनीष सिसोदिया का किससे आमना-सामना कराना चाहते हैं. इस पर सीबीआई ने कहा कि ये हम कोर्ट में नहीं बता सकते हैं. इस पर जज ने कहा कि मैं केस की सीडी देखूंगा. मनीष के वकील ने कहा कि उन्हें त्योहार तक जमानत दे दें उसके बाद बुला लें. उन्होंने कहा, कानून के मुताबिक सिर्फ 24 घंटे तक ही हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सकती है. जब पहली बार कोर्ट रिमांड देता है और दूसरी बार जब रिमांड देना होता है, रिमांड देने के कारणों और परिस्थितियों में अंतर आ जाता है. सीबीआई के पास ठोस वजह होनी चाहिए.

सीबीआई ने कोर्ट को जानकारी दी कि सारी पूछताछ की रिकॉर्डिंग सीडी में है. उसे कोर्ट में दिखा नहीं सकते. इस पर जज ने सिसोदिया मामले की केस डायरी मांगी.

Tags: Aam aadmi party, CBI, Manish sisodia

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