Tuesday, September 3, 2024
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परवेज मुशर्रफ की Amyloidosis बीमारी से हुई थी मौत, बहुत सामान्य होते हैं लक्षण, बिल्कुल न करें इग्नोर


हाइलाइट्स

अमाइलॉइडोसिस की वजह से ऑर्गन फेलियर की कंडीशन पैदा हो सकती है.
इस बीमारी का इलाज कीमोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी के जरिए किया जाता है.

All About Amyloidosis Disease: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ का बीते रविवार को दुबई के अस्पताल में निधन हो गया. मुशर्रफ 79 साल के थे और कई सालों से दुर्लभ बीमारी अमाइलॉइडोसिस (Amyloidosis) से जूझ रहे थे और साल 2016 से उनका इलाज चल रहा था. यह एक रेयर डिजीज होती है, जिसका कोई सटीक इलाज नहीं होता. अच्छे ट्रीटमेंट के जरिए इस बीमारी को कुछ हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस बीमारी के लक्षण काफी आम होते हैं. आज आपको बताएंगे कि यह बीमारी क्या है और इससे शरीर किस तरह प्रभावित होता है.

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक अमाइलॉइडोसिस एक रेयर और घातक बीमारी होती है, जिसकी वजह से शरीर के कनेक्टिव टिशू (Connective Tissue) और ऑर्गन (Organ) प्रभावित होते हैं. अमाइलॉइडोसिस की वजह से शरीर के टिशूज में असामान्य तरीके से अमाइलॉइड प्रोटीन जमा हो जाती है और ऑर्गन फेलियर की कंडीशन आ जाती है. इस डिजीज से हार्ट, किडनी, लिवर, स्पलीन, नर्वस सिस्टम और डाइजेस्टिव सिस्टम सही तरीके से काम नहीं कर पाता और व्यक्ति की मौत हो जाती है. भारत में भी इस बीमारी के हजारों मरीज हैं.

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बेहद सामान्य होते हैं इस डिजीज के लक्षण
इस दुर्लभ और घातक बीमारी के लक्षण बेहद सामान्य होते हैं, जिसकी वजह से इसकी पहचान करना मुश्किल होता है. अमाइलॉइडोसिस के प्रमुख लक्षण वजन कम होना, थकान होना, त्वचा पर मोम जैसा पदार्थ आना, त्वचा पर खरोंच होना, जीभ और डेल्टॉयड्स का बढ़ना, लिवर का फैलना, हार्ट फेल होना, पेशाब में अत्यधिक प्रोटीन की कमी, कार्पल टनल सिंड्रोम और नर्व डिसऑर्डर होते हैं. अलग-अलग मरीजों में इसके लक्षण अलग देखने को मिल सकते हैं.

क्या होता है इस बीमारी का इलाज?
मायो क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक अमाइलॉइडोसिस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं होता है. इलाज के जरिए इसे अमाइलॉइड प्रोटीन के प्रोडक्शन को कंट्रोल किया जा सकता है. यह प्रोटीन अर्थराइटिस या ट्यूबरक्लोसिस की वजह बन रहा है, तो उन बीमारियों का इलाज कराने से आपको काफी राहत मिल सकती है. आमतौर पर डॉक्टर इस डिजीज का इलाज कीमोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी और हार्ट की दवाइयों से करते हैं. कुछ मामलों में ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट, ऑर्गन ट्रांसप्लांट और डायलिसिस किया जाता है. यह सब मरीज की कंडीशन के अनुसार किया जाता है.

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Tags: Health, Lifestyle, Pervez musharraf, Trending news



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