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पहलगाम में तैनात था पाकिस्तान के लिए जासूसी में घिरा सीआरपीएफ जवान

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Pakistan Spy News: पहलगाम में तैनात CRPF जवान मोती राम जाट को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. आतंकी हमले से 5 दिन पहले उसका ट्रांसफर हुआ था. जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं.

पहलगाम में आतंक‍ियों ने 26 मासूम लोगों की हत्‍या कर दी थी.

हाइलाइट्स

  • सीआरपीएफ जवान मोती राम जाट जासूसी के आरोप में गिरफ्तार.
  • आतंकी हमले से 5 दिन पहले हुआ था ट्रांसफर.
  • जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं.

पहलगाम से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. सीआरपीएफ के ज‍िस जवान को पाक‍िस्‍तान के ल‍िए जासूसी करने के आरोप में ग‍िरफ्तार क‍िया गया है, वह पहले पहलगाम रीजन में ही पोस्‍टेड था. पहलगाम में आतंकी हमले से सिर्फ 5 द‍िन पहले ही उसे दूसरे रीजन में ट्रांसफर क‍िया गया था. खुफ‍िया सूत्रों से यह जानकारी हाथ लगी है. इससे पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े तार खोजने में एजेंसियों को बड़ी मदद मिलने की उम्‍मीद है. इस जवान को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है. यह फिलहाल नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी की कस्टडी में है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जो न सिर्फ आंतरिक सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सुरक्षा बलों के भीतर मौजूद खतरे की घंटी भी बजा देती है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जिस जवान को दुश्मन के खिलाफ डटकर खड़ा होना था, उसी पर अब पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप लगा है. सूत्रों के अनुसार, आरोपी जवान मोती राम जाट, जो सहायक उप-निरीक्षक (ASI) के पद पर तैनात था, को CRPF की 116वीं बटालियन में पहलगाम में पोस्टिंग मिली थी. लेकिन आतंकवादी हमले से सिर्फ छह दिन पहले उनका ट्रांसफर कर दिया गया था.

क्या कर रहा था जवान?
जांच एजेंसियों को शक है कि मोती राम जाट ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के एजेंटों के संपर्क में रहकर संवेदनशील जानकारियां साझा कीं. इसमें शामिल थे, सुरक्षा बलों की तैनाती से जुड़ी सूचनाएं, ऑपरेशनल प्लान्स और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के सटीक लोकेशन. बताया जा रहा है कि इसके बदले आरोपी को खूब पैसे द‍िए जा रहे थे. इस घटना ने खुफिया एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है. अधिकारी मानते हैं कि ऐसे इनसाइडर थ्रेट्स न केवल मिशनों को असफल बना सकते हैं, बल्कि जवानों की जान को भी जोखिम में डाल सकते हैं.

संयोग या साजिश?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या मोती राम का ट्रांसफर और उसके छह दिन बाद हुआ आतंकवादी हमला केवल एक संयोग था या उसके पीछे कोई बड़ी साजिश रची गई थी? इस एंगल से भी जांच शुरू कर दी गई है. CRPF और खुफिया एजेंसियों ने इस मामले में मोती राम से विस्तृत पूछताछ शुरू कर दी है. फिलहाल वह पुलिस की हिरासत में है और उस पर जासूसी, देशद्रोह और UAPA जैसे गंभीर आरोप लगाए जा सकते हैं.

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Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें

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