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ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक समेत कई अन्य दिग्गज पहलवानों ने बुधवार से जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करते हुए डब्लूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। पहलवानों ने महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह और पुरुष कोचों पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न सहित कई गंभीर आरोप लगाए। पहलवानों का विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी है। बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कई लोग उनके सपोर्ट में उतरे हैं। इस बीच जंतर मंतर पर रेसलर्स का समर्थन करने के लिए वृंदा करात भी पहुंचीं, लेकिन रेसलर बजरंग पुनिया ने उन्हें मंच से हटने को कह दिया, ये कहते हुए कि पहलवान नहीं चाहते कि विरोध राजनीतिक रूप ले।
पुनिया समेत कई पहलवानों ने दूसरे दिन मौन व्रत रखते हुए जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद बृजभूषण सिंह के नेतृत्व में भारतीय कुश्ती महासंघ के कामकाज को लेकर सवाल खड़े किए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नेता वृंदा करात भी गुरुवार को पहलवानों के समर्थन में जंतर मंतर पहुंची। लेकिन पहलवानों द्वारा उन्हें मंच पर आने की इजाजत नहीं दी गई।
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में ओलंपियन और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा कि ”हम नहीं चाहते कि विरोध राजनीतिक रूप ले।”
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बजरंग ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ”कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष हमें गालियां देते हैं। उनका रवैया तानाशाही का है। वास्तव में कुश्ती महासंघ में बैठे कुछ लोगों को खेल का ज्ञान नहीं है। पहलवान इस तानाशाही को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।”
जंतर मंतर पर धरने पर बैठने के बाद विनेश ने कहा, ” मैं कम से कम 10-20 महिला पहलवानों को जानती हूं जिन्होंने मुझे डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष से हुए यौन शोषण के बारे में बताया है। उन्होंने मुझे अपनी आपबीती सुनाईं। मैं अभी उनका नाम नहीं ले सकती लेकिन अगर हम देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलें तो मैं नामों का खुलासा जरूर कर सकती हूं।”
उन्होंने कहा, ”मुझे उन लोगों से जान से मारने की धमकी मिली है जो डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के करीबी हैं। अगर यहां बैठे हममें से किसी को कुछ होता है, तो केवल डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ही जिम्मेदार होंगे।”
अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने आरोपों को किया खारिज
उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से मौजूदा बीजेपी सांसद ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए अपना पद छोड़ने से इनकार कर दिया। इस 66 साल के खेल प्रशासक ने कहा, ”किसी भी आरोप में कोई सच्चाई नहीं है। मैं अपना पद क्यों छोडूं? अगर एक भी महिला पहलवान के यौन उत्पीड़न का आरोप सही साबित होता है तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं। इसके (साजिश) पीछे एक उद्योगपति है।” उन्होंने कहा, ”इस मामले में सीबीआई या पुलिस की जांच हो सकती है। कोई तानाशाही नहीं है। ये वही पहलवान है जो एक हफ्ते पहले मुझसे मिले थे और तब कुछ भी ऐसा नहीं कहा था।”
खेल मंत्रालय ने आरोपों पर संज्ञान लेते हुए डब्ल्यूएफआई से स्पष्टीकरण मांगा है और ‘अगले 72 घंटों के अंदर आरोपों पर जवाब देने’ का निर्देश दिया है। इस बीच पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट गुरुवार को धरना स्थल पर पहुंचीं और खिलाड़ियों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ है। पूर्व पहलवान बबीता फोगाट सरकार और पहलवानों के बीच मध्यस्थता करेगी। वह पहलवानों की मांगे सरकार तक पहुंचायेंगी।