Home Life Style पहली बार करना है छठ पूजा? नोट कर लें महत्वपूर्ण तारीखें, तिथियां, अर्घ्य समय, शुभ योग

पहली बार करना है छठ पूजा? नोट कर लें महत्वपूर्ण तारीखें, तिथियां, अर्घ्य समय, शुभ योग

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पहली बार करना है छठ पूजा? नोट कर लें महत्वपूर्ण तारीखें, तिथियां, अर्घ्य समय, शुभ योग

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हाइलाइट्स

1. छठ पूजा का पहला दिन: नहाय-खाय, 17 नवंबर, शुक्रवार.
2. छठ पूजा का दूसरा दिन: लोहंडा और खरना, 18 नवंबर, शनिवार.
3. छठ पूजा का तीसरा दिन: छठ पूजा, संध्या अर्घ्य, 19 नवंबर, दिन रविवार.

छठ पूजा का शुभारंभ 17 नवंबर शुकव्रार को नहाय खाय से होने जा रहा है. छठ पूजा का महापर्व 4 दिनों तक चलता है. इसमें भी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि और सप्तमी तिथि का विशेष महत्व होता है क्योंकि षष्ठी को डूबते सूर्य और सप्तमी को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा होती है. यदि आपको पहली बार छठ पूजा करना है या आप इस साल छठ पूजा करना चाहते हैं तो आपको छठ पूजा की महत्वपूर्ण तारीखें, तिथियां, सूर्य अर्घ्य समय, शुभ योग, अशुभ समय आदि के बारे में जान लेना चाहिए. इनके बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट.

कब से कब तक है छठ पूजा 2023?
इस साल छठ पूजा की शुरूआत 17 नवंबर से हो रही है और इसका समापन 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य के बाद पारण से होगा.
नहाय-खाय: 17 नवंबर, दिन शुक्रवार
लोहंडा और खरना: 18 नवंबर, दिन शनिवार
छठ पूजा, संध्या अर्घ्य: 19 नवंबर, दिन रविवार
उगते सूर्य को अर्घ्य, पारण: 20 नवंबर, दिन सोमवार

ये भी पढ़ें: कब है छठ पूजा? जानें नहाय-खाय, संध्या अर्घ्य और उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय, देखें कैलेंडर

छठ पूजा 2023: महत्वपूर्ण दिन, तिथि, अर्घ्य समय, शुभ योग, अशुभ समय

1. छठ पूजा का पहला दिन: नहाय-खाय, 17 नवंबर, शुक्रवार
तिथि: कार्तिक शुक्ल चतुर्थी
रवि योग: 25:17 बजे से 30:46 बजे तक
भद्रा: 06:45 बजे से 11:03 बजे तक
राहुकाल: 10:46 बजे से 12:06 बजे तक
सूर्योदय: 06:45 बजे
सूर्यास्त: 17:27 बजे

2. छठ पूजा का दूसरा दिन: लोहंडा और खरना, 18 नवंबर, शनिवार
तिथि: कार्तिक शुक्ल पंचमी
रवि योग: 06:46 बजे से 24:07 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: 24:07 बजे से 30:46 बजे तक
राहुकाल: 09:26 बजे से 10:46 बजे तक
सूर्योदय: 06:46 बजे
सूर्यास्त: 17:26 बजे

3. छठ पूजा का तीसरा दिन: छठ पूजा, संध्या अर्घ्य, 19 नवंबर, दिन रविवार
तिथि: कार्तिक शुक्ल षष्ठी
द्विपुष्कर योग: 22:48 बजे से 29:21 बजे तक
योग: वृद्धि, सुबह से 23:28 बजे तक
भद्रा: 29:21 बजे से 30:47 बजे तक
राहुकाल: 16:06 बजे से 17:26 बजे तक
सूर्योदय: 06:46 बजे
सूर्यास्त: 17:26 बजे
संध्या अर्घ्य का समय: शाम 05:26 बजे से

ये भी पढ़ें: कब है कार्तिक पूर्णिमा? जानें सही तिथि और स्नान-दान मुहूर्त, देवताओं के लिए महत्वपूर्ण क्यों

छठ पूजा का चौथा दिन: उगते सूर्य को अर्घ्य, पारण, 20 नवंबर, सोमवार
तिथि: अष्टमी, इस बार सप्तमी तिथि का लोप हो रहा है.
योग: ध्रुव, सुबह से 20:35 बजे तक
भद्रा: 06:47 बजे से 16:19 बजे तक
पंचक: 10:07 बजे से 30:48 बजे तक
राहुकाल: 08:07 बजे से 09:27 बजे तक
सूर्योदय: 06:47 बजे
सूर्यास्त: 17:26 बजे ​
उगते सूर्य को अर्घ्य: प्रात: 06:47 बजे से

छठ पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है. संतान की सुरक्षा, परिवार के सुखी जीवन और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए छठ पूजा करते हैं. छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की कृपा से सभी कष्ट दूर होते हैं, जीवन में सुख और समृद्धि आती है.

Tags: Bihar Chhath Puja, Chhath Mahaparv, Chhath Puja, Dharma Aastha

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