Home National पहली बार देवेंद्र फडणवीस निशाने पर आए, अजित पवार और एकनाथ शिंदे के सुर एक

पहली बार देवेंद्र फडणवीस निशाने पर आए, अजित पवार और एकनाथ शिंदे के सुर एक

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पहली बार देवेंद्र फडणवीस निशाने पर आए, अजित पवार और एकनाथ शिंदे के सुर एक

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महाराष्ट्र के जालना में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान किए गए लाठीचार्ज को लेकर एकनाथ शिंदे की सरकार में ही मतभेद देखने को मिल रहा है। एक तरफ उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ले पुलिस का बचाव करते हुए कहा कि पत्थरबाजी के बाद मजबूरन लाठीचार्ज करना पड़ा तो सरकार में दूसरे उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने तत्काल उन्हें जवाब दे दिया। महाराष्ट्र की सरकार में हाल यह है कि मराठा आंदोलन पर फडणवीस एक तरफ तो अजित पवार और सीएम शिंदे एक तरफ नजर आ रहे हैं। 

लाठीचार्ज पर भड़के अजित पवार

जालना के अंतारवली सारथी गांव में पुलिस की कार्रवाई के बाद राज्य के गृह मंत्री फडणवीस ने कहा कि गांव के लोगों ने पहले पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू की थी। इसके बाद पुलिस को भी स्थिति को संभालने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रदर्शनकारियों पर किए गए लाठी चार्ज की निंदा की। अजित पवार ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, प्रथम दृष्ट्या पुलिस ने लोगों पर लाठी भांजी, रबर बुलेट से फायर किया और जालना में प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल का प्रयोग किया। इस मामले में पुलिस की भूमिका की जांच होनी चाहिए। निष्पक्ष जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। 

बता दें कि अजित पवार की यह बात बिल्कुल हैरान करने वाली नहीं है क्योंकि उनकी पार्टी एनसीपी हमेशा से ही मराठा आरक्षण के समर्थन में ही है। मराठा समुदाय का राज्य में 30 फीसदी वोट बैंक है। हालांकि राज्य के गृह मंत्री फडणवीस की तरफ से जो लेटर जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि पहले प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला किया था। पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। गौर करने वाली बात है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मराठा समुदाय से ही ताल्लुक रखते हैं। लाठीचार्ज के बाद उन्होंने घायलों को लेकर संवेदना जताई। 

मीटिंग में नहीं पहुंचे अजित पवार

इस घटना के बाद ऐसा लग रहा है जैसे कि सरकार में फडणवीस अकेले पड़ रहे हैं। रविवार को बुलढाणा में आयोजित की गई सरकार की बैठक में भी अजित पवार नहीं पहुंचे। सूत्रों का कहना है कि लाठीचार्ज की घटना के बाद वह नाराज हैं।  बताते चलें कि अंतरवाली सारथी गांव में भूख हड़ताल करने वाले मनोज जरांग पाटिल ने भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा है और कहा है कि लाठीचार्ज की घटना के लिए वह जिम्मेदार हैं। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है। 

मनोज जरांग ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस को ना सिर्फ सरकार से इस्तीफा देना चाहिए बल्कि भाजपा से भी बाहर हो जाना चाहिए।  या तो फडणवीस को मंत्रालय से बाहर कर दें या फिर शिंदे खुद अपना इस्तीफा दे दें। घटना के बाद भाजाप के एक प्रतिनिधिमंडल ने मनोज जरांग से मुलाकात भी की थी। वहीं उन्होंने कहा कि फडणवीस ने भी फोन कर कहा है कि टॉप पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। 

मनोज जरांग से बात करेगी सरकार

हिंसा भड़कने के दो दिन बाद, राज्य सरकार ने उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। सरकारी सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। पाटिल मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जालना के अंतरवाली सारथी गांव में मंगलवार से भूख हड़ताल कर रहे थे, लेकिन अधिकारियों द्वारा शुक्रवार को उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश करने के बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया। 

हिंसा भड़कने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान 40 पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए और राज्य परिवहन की 15 से अधिक बस को आग लगा दी गई।  पुलिस ने बताया कि इस हिंसा के सिलसिले में 360 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सरकार के एक सूत्र ने बताया कि पाटिल को मराठा आरक्षण मुद्दे पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया है। सूत्र ने कहा, ”मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर सरकारी अधिकारियों और पाटिल के बीच बैठक होगी।”


 

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