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वैज्ञानिकों ने एक और सफलता हासिल कर ली है। दरअसल, यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने मंगल ग्रह से पहली बार वीडियो लाइव स्ट्रीम करने में सफलता हासिल की है। यूरोप के मार्स एक्सप्रेस ने मंगल ग्रह के ऊपर मंडराते हुए वीडियो फीड को ट्रांसमिट किया, जो मिनटों बाद पृथ्वी पर पहुंच गया। चौंकाने वाली बात यह है कि हर तस्वीर को लगभग 300 मिलियन किलोमीटर दूर पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 17 मिनट का समय लगा, और ग्राउंड स्टेशनों के माध्यम से आने में एक और मिनट लगा। तस्वीरों को मार्स एक्सप्रेस पर विजुअल मॉनिटरिंग कैमरा (वीएमसी) द्वारा कैप्चर किया गया था, जो एक वेबकैम के रूप में काम करता है।
फुटेज में सबसे पहले मंगल ग्रह का लगभग एक तिहाई हिस्सा दिखा, जो धीरे-धीरे फ्रेम में बड़ा हो गया और फिर से सिकुड़ने से पहले स्पेसक्राफ्ट ने ग्रह की परिक्रमा की। कुछ तस्वीरों में सफेद बादल भी साफ देखे जा सकते हैं। बता दें कि मार्स एक्सप्रेस 20 सालों से मंगल ग्रह के चक्कर लगा रहा है।
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यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने कहा, “मार्स एक्सप्रेस आउटलाइव, आउटपरफॉर्म, और वास्तव में उम्मीदों से कहीं ज्यादा है। मिशन के स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन इंजीनियर साइमन वुड ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि फोटो और अन्य डेटा आमतौर पर स्पेसक्राफ्ट पर स्टोर होते हैं और बाद में पृथ्वी पर ट्रांसमिट किए जाते हैं, जब स्पेसक्राफ्ट के एंटीना को इस तरह से पॉइंट किया जा सकता है। 2 जून 2003 को लॉन्च किया गया, स्पेसक्राफ्ट का उद्देश्य मंगल ग्रह के भूविज्ञान, जलवायु और वातावरण का अध्ययन करना था। इसका रडार डिवाइस, MARSIS, ग्रह की सतह के नीचे और ऊपर वॉटर आइस का पता लगाने में सहायक रहा है। मिशन कम से कम 2026 तक मंगल ग्रह की खोज जारी रखेगा।
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