राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए सरकारी मंचों के उपयोग का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। पवार ने कहा कि देश के प्रधानमंत्रियों ने विपक्ष पर हमला करने के लिए कभी भी सरकारी कार्यक्रमों का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने इस तथ्य का सम्मान किया कि विपक्षी नेता भी लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा हैं।
पवार ने आगे कहा कि पहले के प्रधानमंत्री केवल राजनीतिक रैलियों को संबोधित करते समय और चुनाव प्रचार में ही विपक्ष के खिलाफ बोलते थे। दरअसल, रविवार को नागपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि राजनीतिक दल अल्पकालिक लाभ के लिए राजनीति अपनाकर मतदाताओं को धोखा दे रहे हैं और वे शॉर्टकट राजनीति के जरिए देश का भाग्य तय नहीं करने दे सकते हैं। इसके साथ-साथ पीएम मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि राजनीतिक दल विकास परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं।
एनसीपी चीफ शरद पवार ने सोमवार को कहा, ऐसा पहली बार हो रहा है कि नागपुर में मौजूद प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों की आलोचना करने के लिए नई ट्रेन को हरी दिखाने, अस्पताल और एक्सप्रेसवे का उद्धाघटन करने जैसे सरकारी कार्यक्रमों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि यह सोचने का समय आ गया है कि यह कितना उचित है।
किसी भी प्रधानमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं किया
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर अभी तक के प्रधानमंत्रियों के भाषणों को देखा और सुना है, लेकिन किसी भी प्रधानमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं किया है। अपने चुनाव अभियानों में भी नेहरू कभी विपक्ष की आलोचना नहीं करते थे और वे केवल मुखर रूप से अपना पक्ष रखते थे। वह इस बात का सम्मान करते थे कि विपक्ष, विपक्ष के नेता लोकतंत्र का हिस्सा हैं।
विपक्ष के नेताओं को भी नसीहत
उन्होंने कहा, आजादी के बाद से देश के सभी प्रधानमंत्रियों ने इसे कायम रखा है, लेकिन अब नहीं। एनसीपी अध्यक्ष ने कहा कि देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है। भाजपा लोकतांत्रिक तरीकों से सत्ता में आई है और उसकी सरकार का विरोध करना अस्वास्थ्यकर नहीं है। राजनेताओं को भी इस तथ्य को समझना चाहिए कि वे देश का नेतृत्व कर रहे हैं।