
[ad_1]
Last Updated:
Pakistan Terrorism: भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान हिल गया और अमेरिका में पाकिस्तानी डेलीगेशन को आतंकवाद खत्म करने की नसीहत मिली. सांसद ब्रैड शेरमन ने जैश-ए-मोहम्मद और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताई.

बिलावल भुट्टो को अमेरिका में मिली नसीहत. (Reuters)
हाइलाइट्स
- पाकिस्तान को आतंकवाद खत्म करने की नसीहत मिली
- ब्रैड शेरमन ने जैश-ए-मोहम्मद पर चिंता जताई
- अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भी शेरमन ने चिंता जताई
इस्लामाबाद: भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान पूरी तरह हिल गया. यही कारण है कि अब उसके नेता दुनिया में भारत की शिकायत करने के लिए पहुंचे हैं. अमेरिका पहुंचे पाकिस्तानी डेलीगेशन को झटका लगा, क्योंकि यहां उसे आतंकवाद खत्म करने की नसीहत दे दी गई. गुरुवार को अमेरिकी कांग्रेसमैन ब्रैड शेरमन ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल को साफ शब्दों में कहा – ‘आपके देश को जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठन को खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाने चाहिए.’ यही नहीं, शेरमन ने पाकिस्तान में रह रहे ईसाई, हिंदू और अहमदिया मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भी गहरी चिंता जताई.
पाकिस्तान की ही खुल गई पोल
पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा तो था भारत के खिलाफ हवा बनाने के लिए. लेकिन यहां उसकी ही पोल खुलने लगी. सांसद शेरमन ने पाकिस्तान को एक और स्पष्ट संदेश दिया. उन्होंने आतंकी ओसामा बिन लादेन का जिक्र करते हुए कहा कि इस कुख्यात आतंकी को मारने में डॉक्टर शकील अफरीदी ने अमेरिका की मदद की थी. उन्हें रिहा किया जाए. डॉ. अफरीदी ने सीआईए की मदद से बिन लादेन की फैमिली की DNA की पहचान के लिए पोलियो वैक्सीनेशन कैंप चलाया था. उन्हें 2012 में पाकिस्तान ने 33 साल की सजा सुना दी थी.
अल्पसंख्यकों का भी उठा मुद्दा
दिलचस्प बात ये रही कि बिलावल भुट्टो का यह अमेरिकी दौरा उस वक्त हुआ जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक बहुदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर अमेरिका को भारत की स्थिति बता रहा था. ब्रैड शेरमन ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है. पाकिस्तान में रहने वाले ईसाई, हिंदू और अहमदिया मुसलमानों को हिंसा, उत्पीड़न, भेदभाव या असमान न्याय प्रणाली के डर के बिना अपने धर्म का पालन करने और लोकतांत्रिक व्यवस्था में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए.’

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें
[ad_2]
Source link