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पाकिस्तान की अक्ल आई ठिकाने, पीएम मोदी के सख्त रुख के बाद कहा-अब नहीं तोड़ेंगे संघर्ष

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असीम मुनीर, पाकिस्तानी सेना के चीफ

इस्लामाबाद: आतंकवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सख्त रुख अपनाने के बाद पाकिस्तान की अक्ल भी ठिकाने आने लगी है। पीएम मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम दिए संबोधन में साफ कह दिया था कि अगर अब आतंकियों या पाकिस्तान की ओर से हमारी सीमा के अंदर कोई कार्रवाई होती है तो इसका अंजाम बुरा होगा। पीएम मोदी ने साफ कहा था कि अब आतंकी हमला होने पर भारत आतंकवादियों और पाकिस्तान की सरकार को अलग नहीं समझेगा और उन पर सख्त कार्रवाई करेगा। सीजफायर के बाद पाकिस्तान की ओर से कई बार संघर्ष विराम तोड़ने की कोशिश की जा चुकी है। मगर अब पीएम मोदी का सख्त रुख देखने के बाद पाकिस्तान ने आगे संघर्ष विराम नहीं तोड़ने और इस पर कायम रहने का भरोसा दिलाया है। 

बता दें कि मंगलवार को पाकिस्तान ने ‘संघर्ष विराम’ समझौते पर कायम रहने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। हालांकि पाकिस्तान सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों की आलोचना भी की। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि भारत ‘परमाणु ब्लैकमेल’ को बर्दाश्त नहीं करेगा और साथ ही उन्होंने विश्व को यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि ‘आतंकवाद एवं व्यापार’ तथा ‘आतंकवाद एवं बातचीत’ साथ -साथ नहीं चल सकते।

पाकिस्तान बौखलाया

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा था कि मैं पूरे विश्व को बताना चाहता हूं कि अब बात सिर्फ पीओके और आतंकवाद पर होगी। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि पाकिस्तान भारत के प्रधानमंत्री द्वारा सोमवार को दिये गए संबोधन में की गई ‘‘भड़काऊ’’ टिप्पणियों को स्पष्ट रूप से खारिज करता है। बयान में कहा गया कि ऐसे समय में जब क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास किए जा रहे हैं, उनकी टिप्पणियों से स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। इसमें दावा किया गया है, ‘‘पाकिस्तान हाल में हुए संघर्ष विराम समझौते के प्रति प्रतिबद्ध है और तनाव घटाने तथा क्षेत्रीय स्थिरता के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।’’

पहलगाम पर जवाबी कार्रवाई से कांप उठा था पाकिस्तान

भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में छह मई की देर रात को आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक हमले किए थे। भारतीय कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक सीमा के दोनों ओर ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद, संघर्ष को रोकने के लिए शनिवार को सहमति बनी। विदेश कार्यालय ने दावा किया कि पाकिस्तान को ‘‘निराशा और हताशा’’ में ‘संघर्ष विराम’ की गुहार लगाते चित्रित करना एक और ‘‘खुल्लमखुल्ला झूठ’’ है। इसने आरोप लगाया कि भारतीय कार्रवाई ने ‘‘आक्रामकता के लिए एक खतरनाक मिसाल कायम की है, जो पूरे क्षेत्र को आपदा के कगार पर ले जा रही है।’’

आने वाले समय में आतंकी की कमर पर प्रहार करेगी-सेना

विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘किसी को भी संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और उद्देश्यों को चुनौती देने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जैसा कि पाकिस्तान ने अपनी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और साथ ही अपने लोगों की सुरक्षा का दृढ़तापूर्वक बचाव करके प्रदर्शित किया है।’’ इसने कहा, ‘‘हम आने वाले दिनों में इस संबंध में भारत की कार्रवाइयों और व्यवहार पर करीबी नजर रखेंगे। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी ऐसा ही करने का आग्रह करते हैं।’’

विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा जम्मू कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया है। इसने इस मुद्दे के समाधान को लक्षित (अमेरिका के) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों के लिए इस्लामाबाद के समर्थन को दोहराया। ट्रंप ने रविवार को कश्मीर मुद्दे के ‘‘समाधान’’ के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने की पेशकश की थी। हालांकि, भारत ने हमेशा कहा है कि कश्मीर मुद्दा एक द्विपक्षीय मामला है और किसी तीसरे पक्ष के लिए कोई जगह नहीं है। (भाषा)

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