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पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं। देश के अलग-अलग शहरों में इमरान के समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की खबर है। आशंका जताई जा रही है कि पड़ोसी देश में स्थिति और बिगड़ सकती है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय रक्षा बल पाकिस्तान के हालात पर वहां की गतिविधियों पर पैनी नजर रख रहे हैं। नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बलों की ओर से कड़ी निगरानी रखी जा रही है। खासतौर से LoC के पास चौकसी बढ़ा दी गई है।
पाकिस्तान के बिगड़ते हालात ने दुनिया भर के देशों की चिंता बढ़ा दी है। सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार इस्लामाबाद में डिप्लोमेटिक मिशन और भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। गौतलब है कि इमरान खान को गिरफ्तार किए जाने की खबर फैलते ही पाकिस्तान के कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। कई जगहों पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। उन्होंने पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। खान के समर्थकों ने रावलपिंडी में सेना के विशाल मुख्यालय के मुख्य द्वार को तोड़ दिया। हालांकि, इस दौरान सैनिकों ने संयम बरता। प्रदर्शनकारियों ने सेना के खिलाफ नारेबाजी की।
कई शहरों में प्रदर्शन, कमांडर के घर पर भी बोला धावा
लाहौर में, बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने कोर कमांडर के लाहौर आवास पर धावा बोल दिया और गेट व खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। हालांकि, सेना के जवानों ने वहां उग्र प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश नहीं की। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान सेना के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने छावनी इलाके में विरोध प्रदर्शन किया। मुख्य सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के कारण लाहौर बाकी प्रांत से लगभग कट गया। बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने फैसलाबाद शहर में गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के आवास पर भी पथराव किया। इसी तरह मुल्तान, झंग, गुजरांवाला, शेखूपुरा, कसूर, खानेवाल, वेहारी, हफीजाबाद और गुजरात शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत पंजाब की कार्यवाहक सरकार ने कानून-व्यवस्था काबू करने के लिए रेंजरों को बुलाया और धारा 144 लगा दी। इसके तहत एक जगह पर 5 से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। गृह विभाग के मुताबिक, दो दिन तक लोगों के एकत्र होने पर रोक रहेगी। पंजाब सरकार ने पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण से प्रांत के उन क्षेत्रों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को निलंबित करने का अनुरोध किया जहां हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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