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द न्यूज ने बताया कि, मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति अल्वी पीटीआई के विदेशी फंडिंग मामले में एक सहयोगी थे। वहीं, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि, राष्ट्रपति को अपनी संवैधानिक मर्यादाओं में रहना चाहिए। ट्विटर पर आसिफ ने कहा कि, राष्ट्रपति को ईसीपी की सीमाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। उन्हें राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्हें याद रखना चाहिए कि उन्होंने 2018 में एक चयन/घटना के परिणामस्वरूप संवैधानिक पद हड़प लिया।
इस बीच, राष्ट्रपति ने एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान को लागू कर लोकतंत्र को मजबूत किया जा सकता है इसलिए संवैधानिक आवश्यकता के अनुसार चुनाव होना चाहिए। पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए अल्वी ने कहा कि उन्होंने एक बार फिर बैठक आयोजित करने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा ताकि संवैधानिक आवश्यकता के अनुसार दोनों प्रांतों में चुनाव की तारीखों की घोषणा की जा सके। डॉ. अल्वी ने कहा कि, किसी भी विधानसभा के विघटन के 90 दिनों के भीतर चुनाव कराना एक संवैधानिक आवश्यकता थी इसलिए संविधान के अनुसार मामले का निपटारा किया जाना चाहिए।
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