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पाकिस्तान सेना अक्सर गलत कारणों से ज्यादा चर्चा में रहती है. ये निरंकुश तो है ही साथ ही आतंकवाद को पालती – पोसती है. अपने पाले हुए आतंकियों से भारत जैसे देश में अस्थिरता फैलाने की साजिश रचने से बाज नहीं आती. ये ऐसी सेना भी है जो अपनी ही सरकार को ठेंगे पर रखती है. मनचाहे तरीके से काम करती है. पाकिस्तान की गरीबी का बहुत बड़ा कारण भी ये सेना ही है, जो उसके कुछ बजट का 20 फीसदी से ज्यादा खुद डकार जाती है.
पाकिस्तानी सेना की कई कमजोरियां लगातार चर्चा का विषय बनती रही हैं. जिसमें आतंरिक अस्थिरता है तो बगावत की हमेशा रहने वाली आशंका भी. भ्रष्टाचार में तो ये आकंठ डूबी हुई है. जब भी पाकिस्तान सरकार पड़ोसियों से संबंध बेहतर करने की कोशिश करती है, तब ये साजिश रचकर उसको पटरी से उतार देती है. पाकिस्तान सेना की ये कुछ कमजोरियां लगातार चर्चा का विषय बनती रही हैं.
1. आंतरिक अस्थिरता और बगावत की आशंका
हाल के वर्षों में पाकिस्तानी सेना के भीतर असंतोष और अक्षमता के एक नहीं तमाम आरोप सामने आते रहे हैं. हाल ही में लीक हुई एक चिट्ठी में निचले और मध्य दर्जे के अधिकारियों ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर अक्षमता, भ्रष्टाचार और राजनीतिक उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए, जिससे सेना के भीतर बगावत की आशंका उजागर हुई. ये स्थिति निश्चित तौर पर पाकिस्तान सेना की एकजुटता और अनुशासन पर सवाल उठाती है.

पाकिस्तानी सेना हमेशा गलत वजहों से चर्चा में रहती है. सेना के उच्चाधिकारियों में आपस में गुटबाजी और असंतोष रहता है. हाल में सेना के एक गुट ने सेना प्रमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं. (News18 AI)
2. आतंकवाद के प्रति साफ्टकॉर्नर
पूरी दुनिया अब ये आरोप लगाती है कि पाकिस्तानी सेना की आतंकवाद की जनक है. ये आतंकियों के प्रति साफ्टकॉर्नर ही नहीं रखती बल्कि प्रॉक्सी वार के लिए उन्हें पाल-पोस कर बड़ा करती है. इससे हमेशा जिससे सेना की प्रभावशाली कार्रवाई और पेशेवर अंदाज पर सवाल उठते हैं.
3. गैर-सैन्य गतिविधियों में ज्यादा हिस्सेदारी
पाकिस्तानी सेना अपने मुख्य काम से ज्यादा काम ऐसे करती है, जिससे उसका कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए. वो राजनीति, रियल एस्टेट और उद्योगों तक में पैर पसारे रहती है. पाकिस्तानी सेना रियल एस्टेट, फूड चैन यहां तक कि टीवी ड्रामा निर्माण जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है. उसके इस काम की खुद उसके देश वाले भी आलोचना करते हैं कि इसी वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा पर वह तरीके से ध्यान केंद्रीत नहीं कर पाती.

पाकिस्तानी सेना रियल एस्टेट से लेकर फूड चैन और कई तरह की कारपोरेट गतिविधियों में लगी रहती है. (News18 AI)
4. भ्रष्टाचार के आरोप
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहते हैं. लेकिन उनका बाल बांका भी नहीं होता. पनामा पेपर्स और ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की रिपोर्ट में कई जनरलों के स्विस बैंक खातों का खुलासा हुआ, जिनमें लाखों डॉलर जमा थे. यह भ्रष्टाचार सेना की विश्वसनीयता को कम करता है. जनता के बीच असंतोष को बढ़ाता है.

पाकिस्तानी सेना की ट्रेनिंग और खानपान पर भी पिछले कुछ सालों में खराब असर पड़ा है, इससे सैनिकों की फिटनेस प्रभावित हो रही है (News18 AI)
5. कश्मीर और भारत-केंद्रित नीति का दुरुपयोग
पाकिस्तानी सेना अक्सर आंतरिक समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए कश्मीर और भारत विरोधी भावनाओं का उपयोग करती है. इसकी ताजा मिसाल सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर का हालिया बयान है, जिसमें उन्होंने कश्मीर को “पाकिस्तान के गले की नस” बताया. इसके तुरंत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले हुए. ये माना जाता है कि अपनी रणनीतिक नाकामियों को छिपाने के लिए पाकिस्तानी सेना हमेशा ये काम करती है. ये कमियां पाकिस्तानी सेना की कार्यप्रणाली, रणनीति, और सामाजिक-राजनीतिक भूमिका पर गंभीर सवाल उठाती हैं.
6. सेना की फिटनेस पर सवाल
कुछ अपुष्ट रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी सेना में सैनिकों का जोश और फिटनेस का स्तर पहले जैसा नहीं रहा. एक पूर्व आर्मी चीफ ने कथित तौर पर कहा कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में सैनिकों की स्थिति कमजोर हो रही है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है.
पाकिस्तानी सेना की ट्रेनिंग और खानपान पर भी पिछले कुछ सालों में खराब असर पड़ा है, इससे सैनिकों की फिटनेस प्रभावित हो रही है. कुछ X पोस्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी सेना “अंदर से खोखली” है.
ये भी कहा जाता है पाकिस्तान सेना के सैनिकों को जो पोषण और मेडिकल सपोर्ट मिलता है, वो भारत की तुलना में खराब है. ये उनकी फिटनेस और स्वास्थ्य पर असर डालता है.
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