
पानीपत. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस प्लास्टिक की बोतल के धागे से बनी जैकेट पहन कर संसद पहुंचे थे, वह जैकेट पानीपत के धागे से बनी हुई है और उन्होंने संसद से जनता को पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संदेश भी दिया था. पानीपत में कोल्ड ड्रिंक की प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइक्लिंग प्लास्टिक से बनाया जाता है. इससे बने धागे के उत्पादों की विदेशों में भी बोलबाला है. पानीपत से इस धागे से बने उत्पाद को अमेरिका, यूरोप, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े देशों में एक्सपोर्ट किया जा रहा है. जहां इनसे बने उत्पाद की बढ़िया मांग है. अब प्रधानमंत्री द्वारा वेस्ट प्लास्टिक की बोतल से बने हुए धागे की जैकेट पहनने के बाद इसकी डिमांड ओर जायदा बढ़ेगी.
पानी, कोल्डड्रिंक,या किसी अन्य बोतल को रिसाइकिल कर पहले इन सफेद रंग का प्लास्टिक दाना और चिप बनाई जाती है. उसके बाद इस दाने को अलग अलग यूनिट में भेज कर धागे से प्लास्टिक की सीट बनाई जाती है. प्लास्टिक सीट को रेग मशीन में डालकर फाइबर तैयार कर लिया जाता है. धागा बनाने वाली मील में इस फाइबर को भेजा जाता है और फिर धागा बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है.
कैसे बनती है जैकेट
आपके शहर से (पानीपत)
धागा बनाने वाले प्लांट इस प्लास्टिक फाइबर को कॉटन फाइबर के साथ मिक्चर मशीन में डाला जाता है. मिक्सचर मशीन से निकलने के बाद यह कन्वेयर बेल्ट से होते हुए फिल्टर मशीन में पहुंचता है. फिल्टर से वेस्ट निकलने के बाद यह फाइबर पाइप लाइन में से होता हुआ धागा बनाने वाली मशीन में जाता है. इसके बाद ऑटोमेटिक स्पिनिंग मिल्स इस मशीन से एक फाइबर की पट्टी तैयार होती है और यह फाइबर की पट्टी दूसरी मशीन से होते हुए फिर कन्वेयर बेल्ट पर पहुंचती है. फिर यह फाइबर की पट्टी स्पिनिंग मशीन की रोलिंग पर पहुंचती है और फिर एक बारीक सा पेट यार्न तैयार होकर बाइंडिंग मशीन पर पहुंचता है. बाइंडिंग के बाद ऑटोमेटिक मशीन के साथ मीटर के हिसाब से धागे को रोल कर लिया जाता है. इसके बाद धागे को पैकिंग कर डिलीवरी के लिए भेजा जाता है.
क्या बोले कारोबारी मुंजाल
उद्योगपति राकेश मुंजाल बताते हैं कि प्लास्टिक फाइबर को कॉटन फाइबर के साथ 20% से 50% तक मिलाकर धागा तैयार किया जाता है. इस धागे की क्वालिटी भी बेहतर होती है. आजकल यह धागा जुराब टी-शर्ट और शर्टिंग के कपड़े के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है. पानीपत में इसका प्रयोग अधिकांश बेडशीट, बाथ मेट,परदे, बनाने में किया जा रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद में प्लास्टिक की वेस्ट बोतल के धागे से बनी हुई जैकेट भी पहनी गई है. जो एक बहुत अच्छा संदेश है.
उद्योगपतियों ने यह भी माना है की प्लास्टिक से धागा बनने से पर्यावरण तो साफ होगा ही और साथ में मुनाफा भी होगा और प्रधानमंत्री द्वारा संसद में लोगों को संदेश देने के बाद लोग भी जागरूक होंगे. साथ ही लोग खाली प्लास्टिक की बोतलों को फैंकने की वजह उन्हें बेज कर मुनाफा भी कमा सकेंगे.
पानीपत में हैं कई यूनिट्स
उद्योगपतियों का कहना है कि पानीपत में भी प्लास्टिक की बोतलों के प्लास्टिक के फाइबर से धागे बनाने की कई यूनिट हैं. एक्सपोर्ट के साथ साथ डोमेस्टिक मार्किट में रोजाना मांग बढ़ रही है. बीते कुछ समय में रिसाइक्लिंग धागे और उससे बने उत्पादों का बाजार 2000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल कर इससे बने धागे को पेट यार्न कहा जाता है. पेट से मतलब प्लास्टिक की बोतलें हैं और यार्न का मतलब धागा. पानीपत में प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल कर बने फाइबर से पेट यार्न बनाने की करीब सात से आठ इकाइयां हैं. एक अनुमान के मुताबिक इन यूनिटों में हर रोज करीब 20 हजार किलो पेट यार्न का उत्पादन होता है.
उत्पादों की अच्छी मांग-कारोबारी
पानीपत में प्लास्टिक की बोतलों के चिप्स बनाकर प्लांट में फाइबर बनाया जाता है. फाइबर से धागा बनाया जाता है, जिससे कई उत्पाद बनाए जा रहे है. पेट यार्न से बने उत्पादों की अच्छी मांग है, इसे लोग पसंद कर रहे हैं. यह धागा से मुनाफे के साथ साथ पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में भी कारगर साबित हो रहा हैं. धीरे-धीरे इससे बने उत्पाद की बाजारों में मांग बड़ रही है.
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Tags: Haryana latest news, Panipat News, PM Modi
FIRST PUBLISHED : February 13, 2023, 06:24 IST