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गैजेट्स और साइंस की दुनिया में रोज नए प्रयोग हो रहे हैं. आर्टिफिशियल वजाइना और मशीन से बच्चे पैदा करने जैसे अविश्वसनीय प्रयोग के बाद अब शारीरिक संबंध बनाने के लिए पार्टनर की जरूरत खत्म करने की दिशा में काम चल रहा है. दरअसल, इंटरनेट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, वीडियो गेम्स के बाद अब टेक की दुनिया सेक्सुएलिटी को नए रूप में एक्सप्लोर करने में लगी है. अब ऐसी मशीनें बनाई जा रही हैं जो इंसान की शारीरिक जरूरतों को बिल्कुल वास्तविक अंदाज में पूरा करें. इस दिशा में काफी प्रगति भी हो चुकी है. इसी में से एक है रियल डॉल. अब रियल डॉल फेशियल रिएक्शन, वॉयस सिंथेसिस और इमोशन को पहचानने लगी हैं.
वेबसाइट हेल्थ न्यूज डॉट कॉम के मुताबिक रोबोटिक्स और एआई के जरिए मशीनें अब इंसान के फेशियल रिएक्शन, वॉयस सिंथेसिस और इमोशन को पहचानने लगी हैं. इसके साथ ही वीआर यूजर्स के लिए एक अलग दुनिया बना रहा है. ये मशीनें आपकी शारीरिक संबंध की जरूरत को पूरा करती नजर आ रही हैं. वीआर की दुनिया में यूजर्स एक अलग ही तरह का अनुभव प्राप्त हैं. वे इस दुनिया में अपनी फिजिकल स्थिति से काफी दूर चले जाते हैं. इस दुनिया में वे ऑनलाइन तरीके से दूसरे से कनेक्ट होते हैं और वे एकदम रियल पार्टनर की तरह उनके साथ इंटरेक्ट करते हैं.
इन्हीं सभी तकनीक के जरिए अब भविष्य में शारीरिक संबंध के तरीके को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. जानकार बताते हैं कि अगले कुछ ही दशकों के बीच पार्टनर की जरूरत खत्म हो सकती है. भविष्य में रोबोटिक लवर्स, साइबरसेक्स और वीआर सेक्स के साथ एआई पावर्ड सेक्स टॉय पूरी तस्वीर बदल सकते हैं. अब बस सवाल यह उठ रहा है कि क्या तकनीक की ये दुनिया, वास्तविक रूप में लव मेकिंग या फिजिकल रिलेशन की जगह ले सकती हैं. इसको जानने के लिए हेल्थ न्यूज डॉट कॉम ने निजी संबंधों के कई जानकारों से बातचीत की. ये जानकार बताते हैं कि एआई के जरिए सेक्स रोबोट बना लिए गए हैं. इन रोबोट्स में फेशियल रिकॉगनिशन, स्पीच सिंथेसिस और इमोशनल इंजेलिजेंस डेवलप किए जा रहे हैं. ये मशीनें इंसान की तरह दिखने के साथ उन्हीं की तरह आवाजें और जवाब दे सकेंगी, जो फिजिकल रिलेशन के क्षेत्र में एक पूरी तरह नया अनुभव होगा.
सवाल बस इतना है
यहां सवाल बस इतना है कि ये जटिल मशीनें किस तरह हमारे जीवन में फिट बैठती हैं. ये मशीनें उस भावनात्मक कमी को पूरा करेंगी जो सेक्स टॉय पूरा नहीं करते हैं. इस तकनीक की दुनिया के फायदे भी गिनाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि जिन लोगों की जिंदगी में प्यार नहीं है, जो वास्तविक रूप से अपने पार्टनर से नहीं मिल पाते हैं, उनके लिए ये मशीने बेहद कारगर साबित हो सकती हैं. इसे उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद करार दिया जा रहा है जो विकलांग हैं या जो सामाजिक रूप से दुनिया से कटे हुए हैं.
वीआर की दुनिया अलग
वीआर की दुनिया भी काफी रोचक है. वीआर हेडसेट के जरिए यूजर्स एक अलग दुनिया में एंट्री करता है. उस दुनिया में वह 3डी अवतार से इंटरेक्ट करता है और रियल टाइम में डिजिटल पार्टनर से कनेक्ट करता है. घर में रहते हुए एक नई दुनिया का अनुभव लेने का यह एक जबर्दस्त तरीका है.
बड़ा सवाल- क्या वास्तविक दुनिया में इसे अपनाया जाएगा?
दरअलस, 2015 में फ्यूचरोलॉजिस्ट डॉ. इयान पीयर्सन ने एक रिपोर्ट लिखी थी. उस रिपोर्ट का शीर्षक था- फ्यूचर ऑफ सेक्स. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि 2030 तक वर्चुअल शारीरिक संबंध बनाना उतना ही कॉमन हो जाएगा जितना कि आज अश्लील वेबसाइट्स हैं. इतना ही नहीं, 2050 तक इंसानों के बीच सभी तरह के शारीरिक संबंध की जगह रोबोट ले लेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि 2025 तक पुरुषों की तुलना में महिलाएं रोबोट के साथ ज्यादा संबंध बनाते हुए देखी जाएंगी. लेकिन, ये दावे अभी सही नहीं लगते क्योंकि यह संभव है कि रोबोट, शारीरिक तौर पर ज्यादा सुख प्रदान करें लेकिन भावनात्मक रूप से ऐसा फिलहाल होता नहीं दिख रहा है.
भावनात्मक जरूरत
शारीरिक संबंध में फिजिकल से ज्यादा जरूरत भावनात्मक कनेक्शन की होती है. यह कमी को अभी तक मशीनें पूरा नहीं कर पा रही थीं. अब एआई आधारित चैटबोट्स आ गए हैं जो इस कमी को काफी हद तक पूरा कर रहे हैं. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि चैटबोट मशीनों में भावनात्मक फिलिंग ला सकते हैं. जानकार इसे पूरी तरह से संभव बता रहे हैं. वे रियल डॉल्स का उदाहरण दे रहे हैं. यह सेक्टर काफी तेजी से बढ़ रहा है. ये पूरी तरह से इंसानों की तरह दिखती हैं. ये सिलिकॉन से बनी होती हैं और स्पर्श करने पर इंसानों जैसी फिलिंग देती हैं.
निष्कर्ष
फिर वही सवाल है कि क्या सेक्स तकनीक इंसान के बीच शारीरिक और भावनात्कम जुड़ाव को पूरी तरह खत्म कर देगी? इसका जवाब फिलहाल के लिए नहीं है. लेकिन यह सच है कि रोबोटिक सेक्स पार्टनर, रियलिस्टिक डॉल और वर्चुअल रियलिटी… सेक्सुअल फैंटिसी को एक्सप्लोर करने का जबर्दस्त मौका दे रहा है लेकिन यह कहना ठीक नहीं होगा कि ये आने वाले समय में यह इंसानी रिश्तों को पूरी तरह खत्म कर देगा.
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Tags: Lifestyle
FIRST PUBLISHED : January 17, 2023, 16:38 IST
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