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Assam child marriage crackdown: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में बाल विवाह के खिलाफ ऐक्शन पर अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा था कि व्यापक कार्रवाई के तहत अभी तक इस मामले में 2000 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी है। लेकिन, क्या पता था कि यह कदम अब उनके लिए मुश्किल खड़ी कर देगा। असम में ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों से बवाल मच गया है। एक विधवा बेटी ने कथित तौर पर अपने पिता के घर में फांसी इस डर से लगा ली कि कहीं पुलिस उसके पिता को गिरफ्तार कर न कर दे, दूसरी ओर एक महिला ने पुलिस स्टेशन पहुंचकर आत्महत्या की चेतावनी दी कि अगर उसके पिता या पति को रिहा नहीं किया तो…
असम में बाल विवाह के खिलाफ पुलिस की व्यापक कार्रवाई जारी है। पूरे राज्य में 4074 मामलों में 2258 लोगों को गिरफ्तार किया चुका है। गिरफ्तारियों में काजी से लेकर पुजारी भी शामिल हैं। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बाल विवाह पर कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और अगर जरूरत पड़े तो 2026 के असम विधानसभा चुनाव तक यह ऐक्शन चलेगा।
जानकारी के अनुसार, असम के दक्षिण सलमारा मनकाचर जिले में एक विधवा महिला ने कथित तौर पर इस डर से आत्महत्या कर ली कि उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि जब वह नाबालिग थी तब उसकी शादी हो गई थी। वह महिला अपने पति की कोरोना से मौत के बाद पिता के घर रह रही थी। महिला अपने पीछे दो मासूम बच्चों को अनाथ छोड़कर चली गई।
एक अन्य घटना के तहत 23 वर्षीय महिला गोलकगंज थाने पहुंची और धमकी दी कि यदि कल गिरफ्तार किए गए उसके पति और पिता को रिहा नहीं किया गया तो वह आत्महत्या कर लेगी। जानकारी के लिए बता दें कि असम में बाल विवाह के आरोप में सबसे ज्यादा गिरफ्तारी बिश्वनाथ, धुबरी, बारपेटा, कोकराझार और होजई में हुई।
उधर, नाबालिगों को शादी का सर्टिफिकेट देने के आरोप में पुलिस ने मुख्तार हुसैन को तामारहाट से कल गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसके परिवार की सैकड़ों महिलाओं और गांव के अन्य लोगों ने यह कहते हुए विरोध किया कि वह केवल एक दर्जी है और किसी काजी के काम से जुड़ा नहीं है।