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हाइलाइट्स
पितृ पक्ष में 3 वस्तुएं सरसों का तेल, नमक और झाड़ू भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए.
सरसों के तेल को शनि का प्रतीक माना जाता है और वह काफी तीक्ष्ण होता है.
पितृ पक्ष में पितरों को दान करने के लिए सरसों का तेल और नमक खरीद सकते हैं.
पितृ पक्ष में लोग अपने या फिर परिवार के लिए कोई नई वस्तु नहीं खरीदते हैं क्योंकि यह पखवाड़ा पितरों को समर्पित होता है और लोक मान्यता है कि इसके 16 दिन अशुभ होते हैं. इस वजह से पितृ पक्ष में नई गाड़ी, नया मकान, प्लॉट, नए कपड़े आदि की खरीदारी नहीं की जाती है. हालांकि शास्त्रों में बताया गया है कि पितृ पक्ष में नए कपड़े पितरों के लिए खरीद सकते हैं क्योंकि वे उनकी तृप्ति के लिए होता है. कई बार लोग भूलवश कुछ ऐसी वस्तुएं खरीद लेते हैं, जो उनके लिए मुश्किलें पैदा कर देती हैं. 3 वस्तुएं ऐसी हैं, जिनको पितृ पक्ष में कत्तई नहीं खरीदनी चाहिए. यदि आप खरीदते हैं तो उससे जुड़ ‘त्रिदोष’ यानि 3 दोष आपको परेशान कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष में कौन सी 3 वस्तुएं कत्तई नहीं खरीदनी चाहिए.
पितृ पक्ष में बिल्कुल भी न खरीदें ये 3 वस्तुएं
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि पितृ पक्ष में व्यक्ति को 3 वस्तुएं सरसों का तेल, नमक और झाड़ू भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए. यदि आपको जरूरत है तो उसे पितृ पक्ष के प्रारंभ से पूर्व ही खरीद लें. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको ‘त्रिदोष’ का सामना करना पड़ सकता है.
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1. सरसों का तेल
सरसों के तेल को शनि का प्रतीक माना जाता है और वह काफी तीक्ष्ण होता है, इसलिए पितृ पक्ष में इसको खरीदने की मनाही है.
2. झाड़ू
धार्मिक मान्यता है कि झाड़ू माता लक्ष्मी का प्रतीक है क्योंकि जहां पर साफ-सफाई होती है, वह स्थान माता लक्ष्मी को प्रिय होता है. पितृ पक्ष में झाड़ू खरीदने से आपको धन हानि हो सकती है.
3. नमक
शास्त्रों में नमक को भी तीक्ष्ण वस्तु माना गया है. इस वजह से उसे भी पितृ पक्ष में खरीदना वर्जित है.
पितरों के दान के लिए कर सकते हैं खरीदारी
ज्योतिषाचार्य भट्ट का कहना है कि इन 3 वस्तुओं को अपने उपयोग के लिए नहीं खरीदना चाहिए. यदि आप पितरों के लिए सरसों का तेल या नमक खरीदना चाहते हैं तो उस पर पाबंदी नहीं है. पितृ पक्ष में पितरों को दान करने के लिए सरसों का तेल और नमक खरीद सकते हैं. नए वस्त्र भी पितरों के लिए खरीदकर दान कर सकते हैं. इससे पितर खुश होते हैं.
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पितृ पक्ष में ‘त्रिदोष’ से बचना है जरूरी
पितृ पक्ष की शुरूआत 29 सितंबर से हो रही है और इसका समापन 14 अक्टूबर शनिवार को सर्व पितृ अमावस्या के दिन होगा. 29 सितंबर से 14 अक्टूबर के बीच श्राद्ध पक्ष में आपको सरसों का तेल, नमक और झाड़ू न खरीदकर आप ‘त्रिदोष’ से बच सकते हैं.
‘त्रिदोष’ क्या हैं?
‘त्रिदोष’ में अकाल मृत्यु, रोग मृत्यु और अपमृत्यु शामिल हैं. इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.
अकाल मृत्यु: जो व्यक्ति अपनी उम्र पूरी नहीं कर पाता है, वह अकाल मृत्यु की श्रेणी में आता है. जिन लोगों की हत्या कर दी जाती है, वे अकाल मृत्यु की श्रेणी में आते हैं.
रोग मृत्यु: जिन लोगों की मृत्यु किसी रोग के कारण होती है, वे लोग इस श्रेणी में आते हैं.
अपमृत्यु: जो लोग किसी दुर्घटना में अपने प्राण त्याग देते हैं, वे अपमृत्यु की श्रेणी में आते हैं. जैसे पानी में डूबना, आग में जलना आदि.
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Tags: Dharma Aastha, Pitru Paksha
FIRST PUBLISHED : September 23, 2023, 10:09 IST
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