Home National पीएम मोदी के कंधे पर सिर रखकर मंच पर ही कौन रोने लगा, गले लगाकर कुछ यूं संभाला

पीएम मोदी के कंधे पर सिर रखकर मंच पर ही कौन रोने लगा, गले लगाकर कुछ यूं संभाला

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पीएम मोदी के कंधे पर सिर रखकर मंच पर ही कौन रोने लगा, गले लगाकर कुछ यूं संभाला

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मडिगा रिजर्वेशन पोराटा समिति (MRPS) के लीडर मंदा कृष्णा मडिगा शनिवार को मंच पर भावुक हो गए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर सिर रखकर रोने लगे। दरअसल, पीएम मोदी हैदराबाद में आज चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे। इससे पहले उन्होंने सिकंदराबाद के पैरेड ग्राउंड में आयोजित ‘अनागरीना वर्गला वश्विरूप महासभा’ (दलित समुदायों की वश्विरूप महासभा) में हिस्सा लिया। इस दौरान कृष्णा मडिगा ने प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा किया। मंच पर पीएम मोदी से एमआरपीएस नेता बात करते आ रहे थे, जहां अचानक वह उनके कंधे पर सिर रखर रोने लगे। इसके बाद पीएम ने मडिगा का हाथ पकड़कर सांत्वना दी और फिर गले लगाकर उन्हें संभाला।

इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत तेलुगु में की। उन्होंने सम्मक्का और सरम्मा को याद किया। मालूम हो कि इसे दलित वर्गों की सबसे बड़ी महासभा कहते हैं। पीएम मोदी ने सभा में कहा, ‘मंदा कृष्णा मडिगा… मेरे छोटे भाई की तरह हैं। मुझे बड़े प्रेम से इस बैठक में आमंत्रित किया गया है।’ प्रधानमंत्री ने तेलंगाना मडिगा समुदाय को बधाई दी और इतना जज्बा दिखाने के लिए मडिगा समुदाय को धन्यवाद भी दिया। मालूम हो कि यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने मंदा कृष्‍णा मड‍िगा की तारीफ की है। इससे पहले तेलंगाना में ही वारंगल यात्रा के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी। प्रधानमंत्री ने कृष्णा मडिगा को बड़ी गर्मजोशी से गले लगाया और ट्विटर पर तस्वीरें शेयर की थीं।

मंदा कृष्णा मडिया के बारे में जानें

बता दें कि पीएम मोदी नई दिल्ली से एक विशेष उड़ान से बेगमपेट हवाई अड्डे पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर सरकारी और पुलिस अधिकारियों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। बाद में मोदी सड़क मार्ग से परेड ग्राउंड के लिए रवाना हो गए। प्रधानमंत्री की यात्रा के कारण परेड ग्राउंड के आसपास के कुछ क्षेत्रों में यातायात प्रतिबंध सहित व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई। पीएम मोदी की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब तेलंगाना में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। तेलुगु राज्यों में अनुसूचित जाति के सबसे बड़े घटकों में से एक मडिगा हैं। मडिगा समुदाय के अधिकारों को लेकर लड़ाई के लिए मंदा कृष्णा को जाना जाता है। उनकी पहचान राजनीतिज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर है। 1994 में मडिगा आरक्षण पोराटा समिति की स्थापना हुई। उन्होंने जातिगत भेदभाव, बच्चों के स्वास्थ्य और विकलांगता अधिकारों जैसे मुद्दों को खूब उठाया है। 

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