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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. पीएम मोदी ने इसे लेकर कहा है कि नया संसद भवन प्रत्येक भारतीय को गौरवान्वित करेगा. उन्होंने शुक्रवार को नए परिसर का वीडियो भी शेयर किया था.
नए संसद भवन के उद्घाटन का कार्यक्रम रविवार सुबह सूर्योदय के थोड़ी ही देर बाद शुरू हो जाएगा. पीएम मोदी सुबह 7:15 बजे यहां पहुंचेंगे, जिसके बाद 7:30 बजे से हवन पूजन शुरू होगा, जो करीब एक घंटे तक चलेगा. फिर सभी विशिष्ट गण लोकसभा चैंबर की तरफ जाएंगे, जहां लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास ऐतिहासिक राजदंड सेंगोल को स्थापित किया जाएगा. तमिलनाडु से संबंध रखने वाले और चांदी से निर्मित एवं सोने की परत वाला यह रस्मी राजदंड अगस्त 1947 में सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिया गया था, जिसे बाद में इलाहाबाद संग्रहालय की नेहरू दीर्घा में रखा गया था.
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का पूरा डीटेल
सुबह 7.15 बजे : मुख्य द्वार से पीएम मोदी का प्रवेश करेंगे
सुबह 7.30 बजे: पूजा शुरू होगी.
सुबह 8.30 बजे: पूजा समाप्त होने के बाद पीएम मोदी लोकसभा चैंबर की ओर जाएंगे
सुबह 9.00 बजे: लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास ऐतिहासिक राजदंड सेंगोल स्थापित किया जाएगा
सुबह 9.00 बजे से सुबह 9:30 बजे: लॉबी में प्रार्थना सभा
सुबह 9.30 बजे: पीएम मोदी परिसर से निकलेंगे
11.30 बजे: अतिथियों का आना शुरू
दोपहर 12.00 बजे: मुख्य अतिथियों का आगमन
दोपहर 12.10 बजे: राष्ट्रगान के बाद राज्यसभा के माननीय उपसभापति का स्वागत भाषण
दोपहर 12.17 बजे: दो फिल्मों की स्क्रीनिंग
दोपहर 12:29 बजे: उपराष्ट्रपति का संदेश
दोपहर 12:33 बजे: राष्ट्रपति का संदेश
दोपहर 12.38 बजे: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष का संबोधन
दोपहर 01.05 बजे: स्मृति सिक्का और स्टांप का विमोचन
दोपहर 01.10 बजे: पीएम मोदी का संबोधन
इसके बाद लोक सभा महासचिव के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम संपन्न हो जाएगा.
उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी ये पार्टियां
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी घटक दल शामिल होंगे.
1. भारतीय जनता पार्टी (394 सांसद)
2. शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) (15 सांसद)
3. नेशनल पीपुल्स पार्टी, मेघालय (2 सांसद)
4. राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी (1 सांसद)
5. सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (1 सांसद)
6. जननायक जनता पार्टी
7. अन्नाद्रमुक (5 सांसद)
8. आईएमकेएमके
9. आजसू (1 सांसद)
10. आरपीआई (आठवले) (1 सांसद)
11. मिजो नेशनल फ्रंट (2 सांसद)
12. तमिल मनीला कांग्रेस (1 सांसद)
13. आईटीएफटी (त्रिपुरा)
14. बोडो पीपुल्स पार्टी
15. पट्टाली मक्कल काची (1 सांसद)
16. महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी
17. अपना दल (2 सांसद)
18. असम गण परिषद (1 सांसद)
एनडीए के घटक दलों के अलावा 5 गैर-एनडीए पार्टियां भी उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी
1. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (1 सांसद)
2. बीजू जनता दल (21 सांसद)
3. बहुजन समाज पार्टी (10 सांसद)
4. तेलुगु देशम पार्टी (4 सांसद)
5. वाईएसआरसीपी (31 सांसद)
उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने वाली पार्टियां
1. कांग्रेस (81 सांसद)
2. डीएमके (34 सांसद)
3. शिवसेना-यूबीटी (7 सांसद)
4. आम आदमी पार्टी (11 सांसद)
5. समाजवादी पार्टी (6 सांसद)
6. सीपीआई (4 सांसद)
7. झामुमो (2 सांसद)
8. केरल कांग्रेस-मणि (2 सांसद)
9. विदुथलाई चिरुथिगल काची (1 सांसद)
10. राष्ट्रीय लोकदल (एक सांसद)
11. तृणमूल कांग्रेस (35 सांसद)
12. जनता दल (यूनाइटेड) (21 सांसद)
13. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (9 सांसद)
14. सीपीएम (8 सांसद)
15. आरजेडी (6 सांसद)
16. आईयूएमएल (4 सांसद)
17. नेशनल कॉन्फ्रेंस (3 सांसद)
18. आरएसपी (1 सांसद)
19. एमडीएमके (1 सांसद)
20. एआईएमआईएम (2 सांसद)
सेंगोल को लेकर छिड़ा विवाद
उधर विपक्ष के 20 दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का ऐलान करते हुए कहा है राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए. वहीं इस बीच राजदंड को लेकर भी राजनीतिक विवाद छिड़ गया है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को दावा किया कि इस बारे में कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है, जिससे यह साबित होता हो कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ‘सेंगोल’ को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित किए जाने का प्रतीक बताया हो.
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‘सेंगोल’ पर कांग्रेस के रुख को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस को अपने व्यवहार पर अच्छी तरह से विचार करने की आवश्यकता है. उन्होंने पार्टी के इस दावे की निंदा की कि 1947 में ‘सेंगोल’ को ब्रिटेन द्वारा भारत को सत्ता सौंपे जाने का प्रतीक होने का कोई उदाहरण नहीं है.
संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर जारी होगा 75 रुपये का खास सिक्का
नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर, सरकार 75 रुपये का स्मारक सिक्का भी जारी करेगी. वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक कार्य विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, ‘नए संसद भवन के उद्घाटन के उपलक्ष्य में 75 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया जाएगा. सिक्के का वजन 35 ग्राम है और यह चार धातुओं से बना हुआ है.’
सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ का शेर अंकित है, जिसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है. इसके बाईं ओर देवनागरी में ‘भारत’ और दाईं ओर अंग्रेजी में ‘इंडिया’ लिखा होने के साथ ही रुपये का प्रतीक चिह्न भी अंकित है. वहीं, सिक्के के दूसरी तरफ नए संसद भवन की तस्वीर है. इसके ऊपर देवनागरी में ‘संसद संकुल’ और नीचे अंग्रेजी में ‘पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स’ लिखा है. नीचे 2023 भी लिखा हुआ है.
नए संसद की खास बातें
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित नए संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थल मौजूद होगा.
त्रिभुजाकार वाले चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर है. भवन के तीन मुख्य द्वार हैं- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार. इसमें वीआईपी (अति विशिष्ट व्यक्तियों), सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं.
नए संसद में लगी हैं देश के अलग-अलग हिस्सों की चीज़ें
नए संसद भवन के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई है. इसमें प्रयुक्त सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई है, जबकि लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया है.
राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले और हुमायूं के मकबरे के लिए बलुआ पत्थर भी सरमथुरा से लाया गया था. हरा पत्थर उदयपुर से, तो अजमेर के पास लाखा से लाल ग्रेनाइट और सफेद संगमरमर अंबाजी राजस्थान से मंगवाया गया है.
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एक अधिकारी ने कहा, ‘एक तरह से लोकतंत्र के मंदिर के निर्माण के लिए पूरा देश एक साथ आया है. इस प्रकार यह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की सच्ची भावना को दर्शाता है.’
लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में ‘फाल्स सीलिंग’ के लिए स्टील की संरचना केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव से मंगाई गई है, जबकि नए भवन के लिए फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया था. इमारत पर लगी पत्थर की ‘जाली’ राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से मंगवाई गई थी.
राजस्थान के कारीगरों ने की नक्काशी
अशोक चिह्न के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से लाई गई थी, जबकि संसद भवन के बाहरी हिस्सों में लगी सामग्री को मध्य प्रदेश के इंदौर से मंगाया गया था. इसके अलावा पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों द्वारा किया गया था. वहीं, पत्थरों को कोटपूतली, राजस्थान से लाया गया था.
नए संसद भवन में निर्माण गतिविधियों के लिए ठोस मिश्रण बनाने के वास्ते हरियाणा के चरखी दादरी में निर्मित रेत या ‘एम-रेत’ का इस्तेमाल किया गया. ‘एम रेत’ एक प्रकार की कृत्रिम रेत है, जिसे बड़े सख्त पत्थरों या ग्रेनाइट को बारीक कणों में तोड़कर बनाया जाता है और जो नदी की रेत से अलग होती है. निर्माण में इस्तेमाल की गई ‘फ्लाई ऐश’ की ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गई थीं, जबकि पीतल के काम के लिए सामग्री और ‘पहले से तैयार सांचे’ गुजरात के अहमदाबाद से लाए गए थे. (भाषा इनपुट के साथ)
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Tags: Parliament, PM Modi
FIRST PUBLISHED : May 28, 2023, 05:00 IST
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