Thursday, November 7, 2024
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पुडुचेरी में बोले कानून मंत्री किरेन रीजीजू- ‘केंद्र न्यायपालिका और उसकी स्वतंत्रता का सम्मान करता है’


पुडुचेरी: केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने गुरुवार को कहा कि ‘केंद्र सरकार न्यायपालिका का सम्मान करती है क्योंकि न्यायपालिका की स्वतंत्रता नितांत आवश्यक है.’ यहां एकीकृत अदालत परिसर में पुडुचेरी के वकीलों के लिए 13 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एक भवन की नींव रखते हुए उन्होंने कहा, ‘कानून और न्याय मंत्री का पदभार ग्रहण करने के मेरे पहले दिन से ही मैं न्याय, न्यायपालिका की स्वतंत्रता के बारे में अपनी अवधारणा, दृष्टि और इरादों को लेकर स्पष्ट हूं.’ उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार न्यायपालिका का सम्मान करती है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता भी एक समृद्ध लोकतंत्र के लिए नितांत आवश्यक है.’

रीजीजू ने कहा, ‘न्यायपालिका देश के लिए काम करती है तथा विधायिका और कार्यपालिका भी देश के लिए काम करती है. उनके बीच सहयोग और समन्वय के बिना हम देश को एक महान राष्ट्र नहीं बना सकते.’ उन्होंने कहा कि न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका अलग-अलग तरीकों से काम नहीं कर रही हैं. कानून मंत्री ने कहा, ‘हम अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं लेकिन एक ही उद्देश्य के साथ और भारत के संविधान द्वारा निर्धारित हमारे हाथ में बहुत स्पष्ट दायित्व हैं.’ उन्होंने कहा कि शक्तियों का बंटवारा, एक दूसरे के लिए सम्मान और लक्ष्मण रेखा स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई है तथा इसलिए किसी विवाद के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. कानून मंत्री ने कहा कि न्यायपालिका के लिए उनका संदेश ‘यह है कि हम हमेशा न्यायपालिका की गरिमा और स्वतंत्रता का सम्मान करेंगे.’

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हालांकि, रीजीजू ने चिंता जताई कि ‘इस संबंध में कुछ लोग बयान दे रहे और प्रतिकूल टिप्पणी भी कर रहे हैं जो केवल संस्थान को नुकसान पहुंचा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों के दौरान उन्होंने ‘प्रतिष्ठित व्यक्तियों, प्रतिष्ठित वकीलों और उच्चतम न्यायालय के कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की कुछ टिप्पणियों को देखा है, जिनसे हमें उम्मीद रहती है कि वे देश के विकास के लिए सकारात्मक योगदान देंगे.’ रीजीजू ने कहा, ‘मैंने प्रधान न्यायाधीश को सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए एक बहुत ही व्यवस्थित कॉलेजियम प्रणाली को लेकर लिखा है और यह सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा बहुत अच्छी तरह से निर्देशित है.’

उन्होंने कहा कि पीठ ने 2016 में  सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया के ज्ञापन को पुनर्गठित करने के संबंध में कॉलेजियम और सरकार को बहुत स्पष्ट अवलोकन और निर्देश दिए थे. हालांकि, इसमें देरी हुई. रीजीजू ने कहा, ‘लेकिन उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के आदेश को आगे बढ़ाना मेरा कर्तव्य है. जब तक कॉलेजियम सिस्टम है और जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं आती और जब तक संसद नयी व्यवस्था नहीं लाती, हम वर्तमान प्रणाली के साथ आगे बढ़ेंगे. इसे न्यायालय की संविधान पीठ के निर्देशों के अनुसार कुछ अद्यतन और पुनर्गठन करने की आवश्यकता है.’ 

उन्होंने कहा कि पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने केंद्र शासित प्रदेश के लिए उच्च न्यायालय की एक पूर्ण पीठ का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा, ‘हम यह सुविधा प्रदान करने के लिए सकारात्मक कदम उठाएंगे ताकि पुडुचेरी के याचिकाकर्ताओं को अपील या अन्य न्यायिक फैसले के लिए चेन्नई जाने की आवश्यकता न पड़े.’ रंगासामी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने पुडुचेरी को राज्य का दर्जा देने की जरूरत पर भी जोर दिया.

Tags: Judiciary, Kiren rijiju, Supreme court of india



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