शुभम राज/खगड़िया. आम तौर पर हम यह मान कर चलते हैं कि अगर इस साल आम का फलन अच्छा हुआ है, तो अगले साल कम फलन होगा, लेकिन ऐसा नहीं है. अगर कोई किसान अपने बाग से हर साल आम का अच्छा फलन लेना चाहता हैं, तो उन्हें अपने तकनीक में बदलाव लाना पड़ेगा. इसके साथ ही आमतौर पर देखा जाता है कि आम में जब मंजर आना शुरू होता है, तब किसान अपने बाग में जाते हैं और पौधों की सुरक्षा से लेकर मंजर और फल को बचाने की तकनीक अपनाते हैं. लेकिन यदि आप व्यावसायिक रूप से बागवानी करते हैं, तो आपको सालों भर आम के बागान की देखभाल करनी पड़ेगी.
इस संदर्भ में कृषि विज्ञान केंद्र खगड़िया के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बिपुल कुमार मंडल ने बताया कि आज के समय में इजराइल हर साल आम की अच्छी पैदावार कर रहा है. इसका कारण यह है कि इजराइल में लोग हर साल फल देने वाले नस्ल के आम का पौधा लगा रहे हैं. साथ ही वे सघन बागवानी तकनीक को अपना रहे हैं. उन्होंने बताया कि बिहार में भी आम्रपाली और मल्लिका नस्ल के आम की सघन बागवानी कर अच्छी कमाई की जा सकती है. उन्होंने बताया कि सघन बागवानी में पेड़ों के बीच के दूरी को घटा दी जाती है. इससे संबंधित प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र पर दिया जाता है. इच्छुक किसान इसका लाभ उठा सकते हैं.
पुराने बाग-बगीचे का ऐसे करें जीर्णोद्धार
कृषि वैज्ञानिक डॉ. बिपुल कुमार मंडल ने बताया कि बिहार में ज्यादातर बाग पुराने हो गए हैं. इस कारण से आम की जितनी पैदावार की हम उम्मीद पाले रहते हैं, उतना फलन नहीं हो पाता है. उन्होंने बताया कि पुराने बागों का जीर्णोद्धार करने के लिए पेड़ के ऊपर के हिस्से को काट कर हटा दिया जाता है. इसके दो से तीन साल बाद अच्छा फलन शुरू हो जाता है. अगर कोई किसान आम के बागों का जीर्णोद्धार करने के लिए प्रशिक्षण लेना चाहें, तो कृषि विज्ञान केंद्र आ सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 06, 2023, 17:53 IST