Home National पूरी दुनिया पर कोरोना इस नए वैरिएंट का खतरा, 28 दिन में बढ़े 80 प्रतिशत केस

पूरी दुनिया पर कोरोना इस नए वैरिएंट का खतरा, 28 दिन में बढ़े 80 प्रतिशत केस

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नई दिल्ली. कोरोना वायरस एक बार फिर से दुनियाभर में चिंता का सबब बनता जा रहा है. कोविड 19 के एक नए एरीस वैरिएंट ने सभी की नींद उड़ा रखी है. यह तेजी से फैल रहा है. ब्रिटेन में इस वैरिएंट के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और भारत में भी इसका मामला सामने आया है. पिछले 28 दिनों में 80 प्रतिशत मामले सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र में मई 2023 में इसका पहला मामला सामने आ चुका है. वहीं, कोरोना वायरस की लहर थमने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मई में कोविड को हेल्थ इमरजेंसी के दायरे से हटा दिया था, लेकिन नए वैरिएंट के सामने आने के बाद डब्ल्यूएचओ लोगों को इस वायरस को लेकर सावधान रहने की सलाह दे रहा है.

यूएन एजेंसी के मुताबिक 10 जुलाई से 6 अगस्त तक कोविड 19 के मामले 1.5 मिलियन तक हो गए हैं. पिछले 28 दिनों में 80 प्रतिशत मामले सामने आ चुके हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हालांकि इस दौरान कोरोना से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 57% कम हुआ है. 12 जून से 9 जुलाई के बीच दुनियाभर में 7 लाख 94 हजार कोविड केस आए थे, जबकि 10 जुलाई से 6 अगस्त के बीच नए कोविड केस का आंकड़ा बढ़कर 15 लाख हो गया. हाल ही में WHO ने ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट मिलने की भी पुष्टि की थी.

नए वैरिएंट पर WHO की चेतावनी
नए वेरिएंट के फैलाव को लेकर WHO की तरफ से साफ चेतावनी जारी कर दी गई है. इसमें कहा गया है कि नए वेरिएंट से संक्रमित लोगों का आंकड़ा काफी ज्यादा भी हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना लहर के दौरान सभी देशों में टेस्टिंग और मॉनिटरिंग एक्टिव तरीके से की जा रही थी, लेकिन अब इसकी टेस्टिंग ही नहीं हो रही है. यही वजह है कि कोरोना के नए वेरिएंट के संक्रमित लोगों का आंकड़ा कुछ अलग भी हो सकता है.

महाराष्ट्र में एरीस वैरिएंट का केस
महाराष्ट्र में भी एरीस वैरिएंट का एक केस मिल चुका है. राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड के एक्टिव केस की ​संख्या जुलाई के अंत में 70 से बढ़कर 6 अगस्त को 115 हो गई थी. वहीं UK की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) के मुताबिक कोरोना वायरस के 7 ऐसे मामले आए हैं जो एरीस वैरिएंट से जुड़े हुए हैं.

एरीस ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित
WHO ने ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट EG.5 या एरीस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था. जुलाई के बीच में मिले कोरोना के मामलों में से 17% केस इसी वैरिएंट के थे. ये जून की तुलना में 7.6% ज्यादा थे. एरीस वैरिएंट का केस 31 जुलाई को ब्रिटेन में सामने आया था. इस वैरिएंट के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका, चीन और ब्रिटेन में ही मिल रहे हैं.

कई देशों में केस बढ़े
UN एजेंसी के मुताबिक, वेस्टर्न पैसिफिक क्षेत्र (ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, मलेशिया, ताइवान, न्यूजीलैंड जैसे देश) में कोरोना संक्रमण के मामलों में 137% की बढ़ोतरी हुई है. नॉर्दर्न हेमिस्फियर के देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जापान में गर्मी के साथ ही साथ कोरोना के मामले बढ़े हैं.

कितना खतरनाक है यह
इस वैरिएंट के खतरे को लेकर कई तरह ही मीडिया रिपोर्ट सामने आ रही हैं. UKHSA की मानें तो EG.5.1 वैरिएंट से होने वाले खतरे का संकेत हमें तीन जुलाई 2023 को होराइजन स्कैनिंग के दौरान ही मिल गया था. तब से ही इस पर बारीक नजर रखी जा रही है. 3 जुलाई को इसे मॉनिटरिंग सिग्नल के तौर पर देखा गया, लेकिन ब्रिटेन में जीनोम की बढ़ती संख्या और सभी देशों में इसकी बढ़ती रफ्तार की वजह से इसे 31 जुलाई 2023 को वैरिएंट V-23JUL-01 के रूप में क्लासिफाई किया गया. इसके लक्षण अभी साफ नहीं हैं.

Tags: Corona Virus, WHO



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