नई दिल्ली. मोदी सरनेम मामले में पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दाखिल किया है. उन्होंने 21 पेज के हलफनामे में कहा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के भाषण की वीडियोग्राफी की गई थी और सभी सबूत अदालत में पेश किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट को निचली अदालत द्वारा पारित आदेश को बदलने की जरूरत नहीं है. हाईकोर्ट का फैसला भी न्याय के ठोस सिद्धांतों पर आधारित है. सेशन कोर्ट द्वारा राहुल गांधी की दोषसिद्धि को निलंबित करने से इनकार करने का आदेश भी कानून के अनुसार है.
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 4 अगस्त को सुनवाई करेगा. हलफनामे में कहा गया है कि राहुल गांधी का रवैया “अहंकारी” था. राहुल गांधी ने इस मामले मे माफी मांगने से इनकार कर दिया था. यही नहीं राहुल गांधी का ‘आपराधिक इतिहास’ है, उनके खिलाफ कई मामले लंबित हैं. पूर्णेश मोदी के हलफनामे में कहा गया है कि राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट राहत ना दे.
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राहुल गांधी ने एक बड़े वर्ग के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पूर्णेश मोदी के हलफनामे में कहा गया है कि राहुल ने दुर्भावनापूर्ण और लापरवाही से एक बड़े वर्ग के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया. हलफनामे के मुताबिक यह बयान देश के एक निर्वाचित प्रधानमंत्री के प्रति व्यक्तिगत नफरत से दिया गया था, और नफरत की सीमा इतनी अधिक थी कि याचिकाकर्ता को उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराने पर मजबूर होना पड़ा क्योंकि मेरा उपनाम संयोग से प्रधान मंत्री जैसा ही था.
राहुल गांधी से उच्च मानक कायम रखने की अपेक्षा थी
हलफनामे में कहा गया है कि पूरे एक वर्ग के लोगों को सिर्फ इसलिए दोष देने का कोई कारण नहीं है क्योंकि उनका उपनाम प्रधानमंत्री के समान है. भाषण के समय एक राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दल के अध्यक्ष के रूप में, राहुल गांधी से देश में राजनीतिक बयान के उच्च मानक कायम रखने की अपेक्षा थी.गौरतलब है कि गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की 2 साल की सजा को बरकरार रखा और सेशन कोर्ट के आदेश खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है. राहुल गांधी को झटका देते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि उसे ट्रायल कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह बिल्कुल उचित है.
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Tags: Congress leader Rahul Gandhi, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : July 31, 2023, 19:36 IST