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North Eastern Railway news: पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) में ‘बाघ’ की सवारी का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है। एनईआर के गोरखपुर से गुजरने वाली इस ट्रेन में भीड़भाड़ का रिकार्ड लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आक्यूपेंसी के मामले में बाघ एक्सप्रेस की बादशाहत लगातार दूसरी बार भी बरकरार है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस ट्रेन ने अपने ही रिकार्ड को ब्रेक कर दिया है। इस ट्रेन की आक्यूपेंसी मार्च 2024 में 253 है जबकि पिछली बार इसकी आक्यूपेंसी 250 थी।
हावड़ा से गोरखपुर होते हुए उत्तराखण्ड के काठगोदाम तक जाने वाली बाघ एक्सप्रेस ने सारे रिकार्ड तोड़ दूसरी बार सबसे अधिक भीड़-भाड़ (आक्यूपेंसी) वाली ट्रेन का रिकार्ड अपने नाम कर लिया है। बाघ एक्सप्रेस की आक्यूपेंसी 253 के पार पहुंच गई है। मसलन 100 फीसदी के अनुपात में इस ट्रेन में 250 फीसदी यात्रियों का लोड है।
ऐसा पहली बार है जब किसी ट्रेन की आक्युपेंसी (सीट के सापेक्ष यात्रियों की संख्या) 253 फीसदी पहुंच गई हो। हावड़ा से काठगोदाम तक जाने वाली बाघ एक्सप्रेस की पंक्चुअल्टी जहां 93 है वहीं आक्यूपेंसी 253 फीसदी है। यह अपने आप में एक नया रिकार्ड है।
कोविड के बाद ट्रेनों की टाइमिंग में लगातार सुधार होता जा रहा था। तमाम ब्लॉक के बाद भी ट्रेनों की पंक्चुअल्टी 85 से 90 के बरकरार रही। ऐसा पहला अवसर है जब फरवरी महीने में ट्रेनों की आक्युपेंसी 200 के पार पहुंच गई है। यह आक्यूपेंसी मई-जून और फिर त्योहारों के समय रहता है। ट्रेनों पंक्चुअल्टी और आक्यूपेंसी बढ़ने से रेल कर्मचारी और अधिकारी काफी उत्साहित हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि स्लीपर और एसी क्लास के आक्यूपेंसी में कोई खास अंतर नहीं है। बाघ एक्सप्रेस में स्लीपर की आक्यूपेंसी जहां 259 है वहीं एसी-थ्री की आक्यूपेंसी 201 फीसदी है।
पारंपरिक बोगियों के साथ ही चल रही है बाघ
कोलकता से चलकर काठगोदाम तक जाने वाली बाघ एक्सप्रेस अभी भी पारंपरिक बोगियों के साथ ही चल रही है। लगभग सभी ट्रेनें एलएचबी रेक से चल रही हैं लेकिन बाघ में अभी तक बदलाव नहीं हो सका।
126 ट्रेनों में 115 ट्रेनों की आक्यूपेंसी 100 फीसदी के पार
बाघ एक्सप्रेस के साथ ही एनईआर से बनकर और होकर जाने वाली 126 ट्रेनों में 115 ट्रेनों की आक्यूपेंसी 100 के पार पहुंच गई है। यह एनई रेलवे की बड़ी उपलब्धियों में है। इन उपलब्धियों के साथ एनई रेलवे पूरे भारतीय रेलवे में यात्री किराए की आय में टॉप-थ्री में पहुंच गया है। जबकि बीते पांच साल पहले तक टॉप 10 में जगह थी।