Friday, March 21, 2025
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पेंटागन का चीन को लेकर बड़ा बयान, अमेरिका पर उड़ रहे जासूसी गुब्बारे से ‘ड्रैगन‘ को कुछ हासिल नहीं हो पाया


Image Source : FILE
चीनी जासूसी बैलून पर पेंटागन ने दिया बड़ा बयान, सुनते ही चीन को लगेगी मिर्ची

Pentagon on Chinese spy Balloon​: इस साल की शुरुआत में अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन के पास चीनी जासूसी गुब्बारे को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश पर गिरा दिया गया था। इसके बाद से ही चीन और अमेरिका के बीच तनातनी बढ़ गई थी। पेंटागन ने इस पर अब अपना बड़ा बयान दिया है। पेंटागन ने कहा है कि जिस जासूसी चीनी गुब्बारे को नष्ट किया गया, वह कोई जासूसी जानकारी नहीं जुटा पाया। 

पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने मीडिया से कहा, ‘हमारा आकलन है कि जब यह जासूसी गुब्बारा अमेरिका के ऊपर से उड़ान भर रहा था तो ये कोई जानकारी इकट्ठा नहीं कर पाया था। दरअसल, उस समय चीन का ये जासूसी गुब्बारा जिसे मार गिराया गया, इससे पहले वह अमेरिका और कनाडा के ऊपर उड़ान भरता रहा था।‘

जनवरी में चर्चा में रहा था चीनी जासूसी गुब्बारे का मामला

इस साल की शुरुआत यानी जनवरी के आखिरी हफ्ते में चीन का एक गुब्बारा अमेरिकी वायुक्षेत्र में मंडराता दिखाई दिया था। अमेरिकी सेना ने उस पर कड़ी नजर रखी थी। तीन दिनों तक गुब्बारा अमेरिका के मोंटाना क्षेत्र में उड़ता रहा। यह जगह अमेरिका का एक न्यूक्लियर मिसाइल क्षेत्र है और अमेरिका को अंदेशा था कि गुब्बारा सेंसिटिव एरिया से गुजरते हुए जानकारी चीन तक पहुंचा रहा है। 

 अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था ‘गिरा दो जासूसी गुब्बारा‘

भनक लगते ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश की सुरक्षा को देखते हुए इस जासूसी गुब्बारे को गिराने के आदेश दे दिए थे। यह गुब्बारे तीन बस जितने आकार के थे। इस कारण बाइडेन ने कहा था कि इसे इस तरह नष्ट किया जाए कि कोई नुकसान न हो। इसलिए इस गुब्बारे का अटलांटिक महासागर के दायरे में आने का इंतजार किया गया। गुब्बारा जब समुद्री क्षेत्र में आया, जो अमेरिकी एयरफोर्स ने हाई टेक एफ-22 रैप्टर एयरक्राफ्ट की मदद से चीनी गुब्बारे को मार गिराया। चीन ने गुब्बारा गिराए जाने से पहले तो नरमी दिखाई थी लेकिन जब अमेरिका ने उसे मार गिराया और मलबा देने से इनकार कर दिया तो चीन भड़क गया। 

चीन ने ठुकरा दी थी बातचीत की पेशकश

गुब्बारा गिराए जाने के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कोशिश की थी कि दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की फोन पर बात हो, लेकिन चीन ने इस पेशकश को ठुकरा दिया थाै। तभी से अमेरिका और चीन के बीच तनातनी चली आ रही है। हालांकि पिछले दिनों अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने चीन का दौरा किया। इसके बाद से दोनों के रिश्तों में तनाव तात्कालिक रूप से कम हुआ है।

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