Home Health पेट से लेकर सीने तक धधक रही है आग? यूं खत्म कीजिए एसिडिटी का तूफान, डॉक्टर से समझें हरसंभव इलाज

पेट से लेकर सीने तक धधक रही है आग? यूं खत्म कीजिए एसिडिटी का तूफान, डॉक्टर से समझें हरसंभव इलाज

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पेट से लेकर सीने तक धधक रही है आग? यूं खत्म कीजिए एसिडिटी का तूफान, डॉक्टर से समझें हरसंभव इलाज

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हाइलाइट्स

डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी ने बताया कि जब पेट का एसिड फूड पाइप में वापस आने लगे तो उसे एसिड रिफलेक्स या जीईआरडी कहते है.
अल्कोहल और स्मोकिंग को बंद करना भी इस समस्या का इलाज हो सकता है.

Best Way to Cure Acidity: पेट में एसिडिटी का मतलब है कि पेट में मौजूद एसिड का फूड पाइप में आकर उपर उठना. एसिडिटी को आमतौर पर गैस से जोड़कर देखा जाता है लेकिन एसिडिटी बिल्कुल अलग चीज है. दरअसल, हमारे पेट में हमेशा हाइड्रोक्लोरिक एसिड मौजूद रहता है. लेकिन कई वजहों से हाइड्रोक्लोरिक एसिड उपर उठने लगता है. इस कारण ऐसा लगता है कि पेट से लेकर सीने तक आग धधक रही है. कई लोगों को एसिडिटी बेचैन कर देती है और उसे तत्काल दवाई की जरूरत पड़ती है. हालांकि एसिडिटी के लिए बहुत हद तक हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं और इससे आसानी से मुक्ति भी पाई जा सकती है.

सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली में इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पेनक्रिएटिक बिलीएरी साइंसेज के कंसल्टेंट डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी कहते हैं कि एसिडिटी कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह जीईआरडी (Gastroesophageal reflux disease GERD) बीमारी के लक्षण है. इसे एसिड रिफलेक्स भी कहते हैं.

क्या होता है एसिड रिफलेक्स

डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी ने बताया कि जब पेट का एसिड फूड पाइप में वापस आने लगे तो उसे एसिड रिफलेक्स या जीईआरडी कहते है. यह एसिड उल्टी दिशा में उपर उठने लगती है. इस कारण पेट से लेकर गले तक जलन महसूस होती है. बहुत से लोगों को समय-समय पर एसिड रिफलेक्स होते रहता है. लेकिन कुछ लोगों में यही जीईआरडी की बीमारी हो जाती है. इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे ज्यादा लाइफस्टाइल का अनहेल्दी कारण जिम्मेदार होता है.

एसिडिटी के लक्षण
डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी (Dr. Shrihari Anikhindi) के मुताबिक जीईआरडी के सबसे प्रमुख लक्षणों में सीने में जलन पहले नंबर पर आता है. यह आमतौर पर खाना खाने के बाद होता है. जब रात में सोने जाते हैं तो यह जलन और भी बढ़ सकती है. इसका दूसरा लक्षण है खाना पेट से वापस आना. इसे रिजरजीटेशन (regurgitation) कहते हैं. इसके साथ ही पेट के उपरी हिस्से और सीने में दर्द होने लगता है. कभी-कभी भोजन करने में भी तकलीफ होती है. वहीं गले में कभी-कभी गांठ भी महूसस होने लगता है. अगर जीईआरडी का इलाज बहुत दिनों तक नहीं किया गया तो एसिड लंग्स में भी पहुंचने लगता है और इससे खांसी भी हो सकती है. गंभीर मामलों में अस्थमा की बीमारी भी लग सकती है.

क्या है जीईआरडी के कारण

डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी के मुताबिक जीईआरडी यानी एसिडिटी के लिए प्रमुख रूप से मोटापा जिम्मेदार है लेकिन इसके अलावा पेट पर ज्यादा चर्बी, तनाव, अवसाद, अनियमित भोजन करने का तरीका, बहुत अधिक मसालेदार खाना, ऑयली चीजें खाना, देर रात खाना, नींद कम लेना, फिजिकल एक्टिविटी कम करना, स्मोकिंग आदि भी कारण हो सकते हैं.

कब है चिंता करने की बात
डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी के मुताबिक आमतौर पर एसिडिटी की समस्या एक-दो दिनों में ठीक हो जाती है लेकिन अगर चार सप्ताह से ज्यादा से एसिडिटी परेशान कर रही है तो चिंता करने की बात है. उस स्थिति में आंत में इंफेक्शन सहित कई बीमारियां कारण हो सकती है. इस स्थिति में दवाई से एसिडिटी को ठीक की जाती है और अगर दवाई से भी ठीक नहीं हो रही है तो एंडोस्कोपिक की मदद से यह पता लगाया जाता है कि एसिडिटी की असली वजह क्या है. इसमें फूड पाइप में जख्म, एसोफेगस में सूजन, पैंक्रियाज में दिक्कत हो सकती है. कुछ मामलों में यह कैंसर भी हो सकता है. इसलिए डॉ. अनिखिंडी कहते हैं कि अगर चार सप्ताह से ज्यादा से एसिडिटी की समस्या परेशान कर रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.



जीईआरडी क्या इलाज है

डॉ. अनिखिंडी कहते हैं चूंकि अब हमें यह पता हो गया कि एसिडिटी या जीईआरडी होता क्या है और किन वजहों से यह होता है. इसलिए इन वजहों पर कंट्रोल करना एसिडिटी को भगाने का सबसे बेहतर तरीका है. इसके लिए सबसे पहले तो लाइफस्टाइल सही करना होगा. अगर एसिडिटी की समस्या है तो नियमित रूप से एक्सरसाइज, वॉकिंग करना जरूरी है. डाइट में हेल्दी चीजें लेनी है. अल्कोहल और स्मोकिंग को बंद करना भी इस समस्या का इलाज हो सकता है. ज्यादा तली-भुनी चीजें, फास्ट फूड, जंक फूड, ज्यादा स्पाइसी फूड, ज्यादा मसालेदार फूड का सेवन बंद कर देना चाहिए. इसके साथ ही सही चीजों को भोजन में शामिल करना चाहिए. जैसे कि सीजनल हरी साग सब्जियां, साबुत अनाज, पर्याप्त पानी और ताजे फल. एसिडिटी से तुरंत राहत पाने के लिए एंटासिड लिया जा सकता है. कुछ लोग पेन टैबलेट ले लेते हैं या एसिलॉक या इनो का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन अगर बार-बार एसिडिटी की समस्या परेशान करें तो बेहतर रहेगा कि आप डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें.

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